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SOCIAL SCIENCE
History Exercise
Geography Exercise
Political Science Exercise
इतिहास
Ch-1: कब कहां और कैसे
प्रश्न 1. सही और गलत बताएँ।
(क) जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिंदू, मुसलिम, ईसाई, तीन काल खंडों में बाँट दिया था।
(ख) सरकारी दस्तावेज़ों से हमें ये समझने में मदद मिलती है कि आम लोग क्या सोचते हैं।
(ग) अंग्रेज़ों को लगता था कि सही तरह शासन चलाने के लिए सर्वेक्षण महत्त्वपूर्ण होते हैं।
उत्तर (क) सही। (ख) गलत। (ग) सही।
प्रश्न 2. जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है, उसमें क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर: 1817 में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री और राजनीतिक दार्शनिक जेम्स मिल ने तीन खंडों में ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया (ब्रिटिश भारत का इतिहास) किताब लिखी। उसमें निम्नलिखित समस्याएँ है।
1. यह काल विभाजन धर्म के आधार पर किया गया है।
2. यह काल विभाजन औपनिवेशिक विचारधारा पर आधारित था।
3. इस काल विभाजन का उद्देश्य भारतीयों को अलग-अलग पहचान देकर फूट डालना था।
प्रश्न 3. अग्रेज़ों ने सरकारी दस्तावेजों को किस तरह सुरक्षित रखा?
उत्तर: अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को निम्नलिखित प्रकार से सुरक्षित रखा था
1. उन्होंने सभी शासकीय संस्थानों में अभिलेख कक्ष बनवाए।
2. तहसील के दफ्तर, कलेक्टरेट, कमिश्नर के दफ्तर, प्रांतीय सचिवालय, कचहरी में अपने-अपने रिकॉर्ड रूम बनवाए।
3. महत्त्वपूर्ण दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखने के लिए अभिलेखागार और संग्रहालय जैसे संस्थान भी बनवाए।
प्रश्न 4. इतिहासकार पुराने अखबारों से जो जानकारी जुटाते हैं वह पुलिस की रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी से किस तरह अलग होती है?
उत्तर: पुराने अखबारों से इतिहासकार जो जानकारियाँ प्राप्त करते हैं वे सही और विस्तृत होती है। यह संवाददाताओं द्वारा निष्पक्ष रूप से इकट्ठी की गयी होती है। जबकि पुलिस रिपोर्ट के पक्षपातपूर्ण होने की संभावना होती है, क्योंकि पुलिस रिपोर्ट सरकार की सोच, वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव तथा जाँच अधिकारी के व्यक्तित्व पर निर्भर होती है।
प्रश्न 5. क्या आप आज की दुनिया के कुछ सर्वेक्षणों का उदाहरण दे सकते हैं? सोचकर देखिए कि खिलौना बनाने वाली कंपनियों को यह पता कैसे चलता है कि बच्चे किन चीज़ों को ज्यादा पसंद करते हैं। या सरकार को यह कैसे पता चलता है कि स्कूल में बच्चों की संख्या कितनी है? इतिहासकार ऐसे सर्वेक्षणों से क्या हासिल कर सकते हैं?
उत्तर: सर्वेक्षणों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं।
1. जनगणना । 2. राजस्व सर्वेक्षण।
3. वनस्पतिक सर्वेक्षण 4. पुरातात्विक सर्वेक्षण
खिलौने बनाने वाली कंपनियाँ भी सर्वेक्षण के माध्यम से बच्चों की पसंद का पता लगाती हैं। सरकार सर्वेक्षण के आधार पर स्कूलों में बच्चों की संख्या पता लगाती है। इतिहासकार सर्वेक्षणों से विभिन्न जानकारियाँ इकट्ठा करते हैं। इससे उन्हें समाज के महत्वपूर्ण विषयों पर लिखने में सहायता मिलती हैं।
Ch-2. व्यापार से साम्राज्य तक
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ:
दीवानी” शेर-ए-मैसूर फौजदारी अदालत रानी चेन्नम्मा सिपाही वारेन हेस्टिंग | टीपू सुल्तान भू-राजस्व वसूल करने वाला सिपॉय भारत का पहला गर्वनर फौजदारी अदालत कित्तूर में अंग्रेज-विरोध किया |
उत्तर:
दीवानी” शेर-ए-मैसूर फौजदारी अदालत रानी चेन्नम्मा सिपाही वारेन हेस्टिंग | भू-राजस्व वसूल करने टीपू सुल्तान फौजदारी अदालत कित्तूर में अंग्रेज-विरोध सिपॉय भारत का पहला गर्वनर |
प्रश्न 2. रिक्त स्थान भरें :
(क) बंगाल पर अंग्रेजों की जीत_____की जंग से शुरू हुई थी।
(ख) हैदर अली और टीपू सुल्तान_________ के शासक थे।
(ग) डलहौजी ने________का सिद्धांत लागू किया।
(घ) मराठा रियासतें मुख्य रूप से भारत के_______भाग में स्थित थी ।
उत्तर: (क) प्लासी
(ख) मैसूर
(ग) विलय
(घ) पश्चिमी
प्रश्न 3. सही या गलत बताएँ :
(क) मुग़ल साम्राज्य अठारहवीं सदी में मजबूत होता गया |
(ख) इंग्लिश इष्ट इंडिया कंपनी भारत के साथ व्यापार करने वाली एकमात्र यूरोपीय कंपनी थी ।
(ग) महाराजा रणजीत सिंह पंजाब के राजा थे |
(घ) अंग्रेजों ने अपने कब्जे वाले इलाकों में कोई शासकीय बदलाव नहीं किए।
उत्तर: (क) गलत। (ख) गलत। (ग) सही। (घ) गलत।
प्रश्न4. यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थी ?
उत्तर: यूरोपीय व्यापारिक कंपनियाँ भारत की तरफ आकर्षित होने के निम्न कारण थे:
(i) यूरोप के बाजारों में भारत के बने बारीक़ सूती कपडे और रेशम की जबरदस्त मांग थी।
(ii) इनके अलावा वहां काली मिर्च, लौंग, इलाइची और दालचीनी की मांग थी ।
(iii) यहाँ से सस्ते कीमतों पर वस्तुएँ खरीद कर उसे महँगे दामों पर बेच देते थे जिससे उन्हें अधिक मुनाफा होता था ।
प्रश्न 5. बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच किन बातों पर विवाद थे?
उत्तर: (i) बंगाल के नवाबों ने कंपनी को व्यापार में रियायत देने से मना कर दिया।
(ii) वे व्यापार का अधिकार देने के बदले कंपनी से नजराने मांगते थे।
(iii) कम्पनी को सिक्के डालने का अधिकार नहीं दिया गया।
(iv) उसकी किलेबंदी को बढ़ाने से रोक दिया।
(v) ईस्ट इंडिया कंपनी टैक्स चुकाने को तैयार नहीं थी ।
(vi) अंग्रेजी अफसरों ने उनके लिए अपमान जनक चिट्ठियां लिखी।
प्रश्न 6: दीवानी मिलने से ईस्ट इन्डिया कंपनी को किस तरह फायदा पहुँचा ?
उत्तर: दीवानी मिलने से ईस्ट इन्डिया कंपनी को निम्न तरह से फायदा हुआ।
(i) दीवानी मिलने से कम्पनी को बंगाल के विशाल राजस्व संसाधनों पर नियंत्रण मिल गया।
(ii) कंपनी को अब ब्रिटेन से सोना लाने की जरूरत नहीं पड़ती थी।
(iii) राजस्व की कमाई से कम्पनी भारत में सूती और रेशमी कपड़ा खरीद सकती थी।
(iv) कम्पनी के मुनाफे से ही किलों एवं दफतरों का खर्च उठा सकती थी ।
प्रश्न 7. “सब्सिडियरी एलायंस” (सहायक संधि) व्यस्था की व्याख्या करे ।
उत्तर: (i) सहायक संधि को लार्ड वैलज्ली ने शुरू किया। जो रियासत इसको मान लेती थी उसे अपनी स्वतंत्र सेनाएं रखने का अधिकार नहीं मिलता था। उसे कम्पनी के तरफ से सुरक्षा मिलती थी और सहायक सेना के रख-रखाव के लिए कम्पनी को पैसा देते थे। अगर भारतीय शासक रकम देने से चुक जाते तो जुर्माने के तौर उनका इलाका कंपनी अपने कब्जे में ले लेती थी।
प्रश्न 8. कंपनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था ?
उत्तर: (i) कंपनी का शासन मोटे तौर पर प्रशासनिक इकाइयों में बटा हुआ था जिन्हें प्रेजीडेंसी कहा जाता था।
(ii) उस समय तीन प्रेसिडेंसी थी- बंगाल, मद्रास और बंबई। इनका प्रशासक गवर्नर होता था।
(iii) सबसे ऊपर गवर्नर जनरल होता था।
(iv) हर जिले में फौजदारी और दीवानी अदालतें बनाईं गई।
(v) जिले में कलेक्टर सबसे बड़ा पद होता था जिसका काम लगान और कर इकट्ठा करना तथा कानून व्यवस्था को बनाए रखना होता था।
प्रश्न 9. कंपनी की सेना की संरचना में आये बदलावों का वर्णन करें।
उत्तर: (i) कंपनी ने सेना में पेशेवर सैनिकों की भर्ती शुरू की।
(ii) उन्होंने पैदल टुकड़ियों को अधिक विकसित किया।
(iii) इन सिपाहियों को यूरोपीय तकनीक से प्रशिक्षण, अभ्यास और अनुशासन सिखाया जाने लगा।
Ch-3: ग्रामीण क्षेत्र पर शासन चलाना
अभ्यास के प्रश्न
फिर से याद करें
प्रश्न 1. निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ-
रैयत महाल निज रैयती | ग्राम-समूह किसान रैयतों की ज़मीन पर खेती बागान मालिकों की अपनी ज़मीन पर खेती |
उत्तर:
रैयत महाल निज रैयती | किसान ग्राम-समूह बागान मालिकों की अपनी ज़मीन पर खेती रैयतों की ज़मीन पर खेती |
प्रश्न 2. रिक्त स्थान भरें-
(क) यूरोप में वोड उत्पादकों को _________से अपनी आमदनी में गिरावट का ख़तरा दिखाई देता था।
(ख) अठारहवीं सदी के आखिर में ब्रिटेन में नील की माँग___________ कारण बढ़ने लगी।
(ग) ___________की खोज से नील की अंतर्राष्ट्रीय माँग पर बुरा असर पड़ा।
(घ) चंपारण आंदोलन__________ के खिलाफ़ था।
उत्तर:
(क) यूरोप में वोड उत्पादकों को नील से अपनी आमदनी में गिरावट का ख़तरा दिखाई देता था।
(ख) अठारहवीं सदी के आखिर में ब्रिटेन में नील की माँग औद्योगीकरण कारण बढ़ने लगी।
(ग) कृत्रिम रंग की खोज से नील की अंतर्राष्ट्रीय माँग पर बुरा असर पड़ा।
(घ) चंपारण आंदोलन नील बागान मालिकों के खिलाफ़ था।
आइए विचार करें
प्रश्न 3. स्थायी बंदोबस्त के मुख्य पहलुओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
(1) राजाओ और तालुकादारों को जमींदारों के रूप में मान्यता दी गई।
(2) उन्हें किसानों से लगान वसूलने और कंपनी को राजस्व चुकाने की जिम्मेदारी दी गई।
(3) उनकी ओर से चुकाई जाने वाली राशि स्थायी रूप से तय कर दी गई थी।
(4) भविष्य में कभी भी उसमें इजाफा नहीं किया जाना था।
प्रश्न 4. महालवारी व्यवस्था स्थायी बंदोबस्त के मुकाबले कैसे अलग थी?
उत्तर: (1) महालवारी व्यवस्था में राजस्व इक्कट्ठा करने और उसे कंपनी को अदा करने का जिम्मा गाँव के मुखिया को सौप दिया गया। जबकि स्थायी बंदोबस्त में यह जिम्मा जमींदारों के पास होता था।
(2) महालवारी बंदोबस्त में राजस्व की राशि स्थायी रूप से तय नहीं थी जबकि स्थायी बंदोबस्त में राजस्व की राशि निश्चित थी।
प्रश्न 5. राजस्व निर्धारण की नयी मुनरों व्यवस्था के कारण पैदा हुई दो समस्याएँ बताइए।
उत्तर: राजस्व निर्धारण की नयी मुनरों व्यवस्था के कारण पैदा हुई दो समस्याएँ निम्नलिखित हैं।
(i) ज़मीन से होने वाली आमदनी बढ़ाने के चक्कर में राजस्व अधिकारियों ने बहुत ज़्यादा राजस्व तय कर दिया था।किसान राजस्व चुका नहीं पा रहे थे।
(ii) रैयत गाँवों से भाग रहे थे। बहुत सारे क्षेत्रों में गाँव वीरान हो गए थे। अफ़सरों को उम्मीद थी कि नयी व्यवस्था किसानों को संपन्न उद्यमशील किसान बना देगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
प्रश्न 6. रैयत नील की खेती से क्यों कतरा रहे थे?
उत्तर:
- रैयतों को नील की खेती के लिए अग्रिम कर्ज दिया जाता था। जिसकी शर्तें बहुत कठोर थी।
- उन्हें नील की बहुत कम कीमत मिलती थी। जिससे कर्ज़ भी नहीं चूकता था।
- नील की खेती से खेतों का उपजाऊपन खत्म हो जाता था।
- ऐसे खेतों में धान की फसल नहीं उग पाती थी।
प्रश्न 7. किन परिस्थितियों में बंगाल में नील का उत्पादन धराशायी हो गया?
उत्तर: निम्नलिखित परिस्थितयों में बंगाल में नील का उत्पादन धराशायी हो गया
- मार्च 1859 में बंगाल के किसानों ने नील की खेती करने से इन्कार कर दिया।
- इस बगावत से परेशान होकर सरकार ने नील आयोग बना दिया।
- आयोग ने बागान मालिकों को दोषी पाया ।
- किसानों को कहा गया कि नील की खेती बन्द कर सकते हैं।
- इस प्रकार बंगाल में नील का उत्पादन धराशायी हो गया।
आइए करके देखें
प्रश्न 8. चंपारण आंदोलन और उसमें महात्मा गांधी की भूमिका के बारे में और जानकारियाँ इकट्ठा करें।
उत्तर: बंगाल में इंडिगो उत्पादन के पतन के बाद, इंडिगो के यूरोपीय प्लांटर्स ने अपने कार्यों को बिहार में स्थानांतरित कर दिया। जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौटे, तो बिहार के एक किसान ने उन्हें चंपारण आने और वहां नील की खेती करने वालों की दुर्दशा देखने के लिए राजी किया। 1917 में महात्मा गांधी की इस यात्रा को इंडिगो प्लांटर्स के खिलाफ चंपारण आंदोलन की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया गया था। यूरोपीय बागान मालिकों ने किसानों पर अत्याचार किया। किसानों की दयनीय स्थिति देखने के लिए महात्मा गांधी चंपारण पहुंचे। जिले के अधिकारियों ने उन्हें चंपारण छोड़ने का आदेश दिया लेकिन उन्होंने आदेशों का पालन करने से इनकार कर दिया और सत्याग्रह शुरू कर दिया।
प्रश्न 9. भारत के शुरुआती चाय या कॉफी बाग़ानों का इतिहास देखें। ध्यान दें कि इन बागानों में काम करने वाले मज़दूरों और नील के बाग़ानों में काम करने वाले मज़दूरों के जीवन में क्या समानताएँ या फ़र्क थे।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
Ch-4: आदिवासी, दीकु और एक स्वर्ण युग की कल्पना
फिर से याद करें
प्रश्न 1. रिक्त स्थान भरें-
(क) अंग्रेज़ों ने आदिवासियों को___________ के रूप में वर्णित किया।
(ख) झूम खेती में बीज बोने के तरीके को ____________कहा जाता है।
(ग) मध्य भारत में ब्रिटिश भूमि बंदोबस्त के अंतर्गत आदिवासी मुखियाओं को _________ स्वामित्व मिल गया।
(घ) असम के______ और बिहार की_______ में काम करने के लिए आदिवासी जाने लगे।
उत्तर:
क) अंग्रेज़ों ने आदिवासियों को जंगली के रूप में वर्णित किया।
(ख) झूम खेती में बीज बोने के तरीके को बिखेरना कहा जाता है।
(ग) मध्य भारत में ब्रिटिश भूमि बंदोबस्त के अंतर्गत आदिवासी मुखियाओं को भूमि का स्वामित्व मिल गया।
(घ) असम के बागान और बिहार की खादान में काम करने के लिए आदिवासी जाने लगे।
प्रश्न 2. सही या गलत बताएँ-
(क) झूम काश्तकार ज़मीन की जुताई करते हैं और बीज रोपते हैं।
(ख) व्यापारी संथालों से कृमिकोष खरीदकर उसे पाँच गुना ज्यादा कीमत पर बेचते थे।
(ग) बिरसा ने अपने अनुयायियों का आह्वान किया कि वे अपना शुद्धिकरण करें, शराब पीना छोड़ दें और डायन व जादू-टोने जैसी प्रथाओं में यकीन न करें।
(घ) अंग्रेज़ आदिवासियों की जीवन पद्धति को बचाए रखना चाहते थे।
उत्तर: (क) गलत
(ख) सही
(ग) सही
(घ) गलत
आइए विचार करें
प्रश्न 3. ब्रिटिश शासन में घुमंतू काश्तकारों के सामने कौन-सी समस्याएँ थीं?
उत्तर:(i) अंग्रेजों ने जमीन को माप कर प्रति एक व्यक्ति का हिस्सा तय कर दिया।
(ii) उन्होंने यह भी तय कर दिया की किसे कितना लगान देना पड़ेगा।
(iii) कुछ ही किसानों को भू-स्वामी और दूसरों को पट्टेदार घोषित किया गया।
(iv) पट्टेदार अपने भू-स्वामियों का भाड़ा चुकाते थे और भू-स्वामी सरकार को लगान देते थे।
(v) पानी की कमी और सूखी मिट्टी के कारण घुमंतू काश्तकारों के खेतों में कभी अच्छी फसल नहीं हो पाई।
प्रश्न 4. औपनिवेशिक शासन के तहत आदिवासी मुखियाओं की ताकत में क्या बदलाव आए?
उत्तर:
- औपनिवेशिक शासन के तहत आदिवासी मुखियाओं के कामकाज और अधिकार काफी बदल गये थे।
- उन्हें कई-कई गांवों पर जमीन का मालिकाना हक तो मिला, लेकिन उनकी शासकीय शक्तियाँ छीन लीं गई।
- उन्हें ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा बनाये गए नियमों को मानने के लिए बाध्य कर दिया गया।
- उन्हें अंग्रेजों को नज़राना देना पड़ता था और अंग्रेजों के प्रतिनिधि की हैसियत से अपने समूहों को अनुशासन में रखना होता था।
प्रश्न 5. दीकुओं से आदिवासियों के गुस्से के क्या कारण थे?
उत्तर:
- आदिवासी दीकुओं के कारण अपने आस-पास हो रहे बदलावों से चिंतित थे।
- उन्हें अंग्रेज शासन के कारण अनेक समस्याएं पैदा हो रही थी।
- उनकी परिचित जीवन पद्धति नष्ट होती दिखाई दे रही थी।
- उनकी आजीविका खतरे में थी और धर्म छिन्न-भिन्न हो रहा था।
प्रश्न 6. बिरसा की कल्पना में स्वर्ण युग किस तरह का था? आपकी राय में यह कल्पना लोगों को इतनी आकर्षक क्यों लग रही थी?
उत्तर: बिरसा की कल्पना में स्वर्ण युग में मुंडा लोग अच्छा जीवन जीते थे, तटबंध बनाते थे, कुदरती झरनों को नियंत्रित करते थे, पेड़ और बाग़ लगाते थे, पेट पालने के लिए खेती करते थे। वे आपस में झगड़ते नहीं थे। यह कल्पना लोगों को आकर्षक इसलिए लगती थी क्योंकि वे अंग्रेजों के अत्याचारों से तंग आ चुके थे। उनकी जीवन पद्धति नष्ट होने जा रही थी। वे स्वर्ण युग को वापिस लाना चाहते थे।
आइए करके देखें
प्रश्न 7. अपने माता-पिता दोस्तों या शिक्षकों से बात करके बीसवीं सदी के अन्य आदिवासी विद्रोहों के नायकों के नाम पता करें। उनकी कहानी अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 8. भारत में रहने वाले किसी भी आदिवासी समूह को चुनें। उनके रीति-रिवाज़ और जीवन पद्धति का पता लगाएँ और देखें कि पिछले 50 साल के दौरान उनके जीवन में क्या बदलाव आएँ हैं?
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
Ch-5: जब जनता बगावत करती है
अभ्यास के प्रश्न
फिर से याद करें
प्रश्न 1. झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की अंग्रेज़ों से ऐसी क्या माँग थी जिसे अंग्रेज़ों ने ठुकरा दिया?
उत्तर: झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मांग थी कि अंग्रेज उनके गोद लिए बेटे को झांसी का राजा मान ले। परन्तु अंग्रेजों ने उसकी मांग को ठुकरा दिया। अंग्रेजों ने भारतीय राज्यों को हड़पने के लिए “लैप्स की नीति” बना रखी थी जिसके अनुसार अगर भारतीय राजा की मृत्यु बिना किसी उतराधिकारी छोड़े हो जाती है तो उस राज्य को अंग्रेजी शासन में मिला लेते थे।
प्रश्न 2. ईसाई धर्म अपनाने वालों के हितों की रक्षा के लिए अंग्रेजों ने क्या किया?
उत्तर: ईसाई धर्म अपनाने वालों के हितों की रक्षा के लिए अंग्रेजों ने एक नया कानून बनाया। इस कानून का प्रावधान था कि अगर कोई भारतीय इसाई धर्म अपनाता है तो उसे अपने पूर्वजों की संपति पर अधिकार पहले जैसा ही रहेगा।
प्रश्न 3. सिपाहियों को नए कारतूसों पर क्यों ऐतराज़ था?
उत्तर: मेरठ में तैनात कुछ सिपाहियों ने नए कारतूसों का प्रयोग करने से मना कर दिया क्योंकि उन्होंने लगता था कि नये कारतूसों पर गाय और सूअर की चर्बी का लेप लगा हुआ है।
प्रश्न 4. अंतिम मुगल बादशाह ने अपने आखिरी साल किस तरह बिताए?
उत्तर: अंतिम मुग़ल बादशाह बहादुरशाह जफ़र को सैनिक विद्रोह के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई। उन्हें रंगून की जेल में भेज दिया गया। इसी जेल में 1862 में उनकी मृत्यु हो गई।
आइए विचार करें
प्रश्न 5. मई 1857 से पहले भारत में अपनी स्थिति को लेकर अंग्रेज शासकों के आत्मविश्वास के क्या कारण थे?
उत्तर: मई 1857 से पहले अंग्रेजों को भारत में अपनी स्थिति को लेकर आत्मविश्वास के निम्न कारण थे:
- अंग्रेजों भारतीय सैनिकों को विश्वसनीय मानते थे।
- महत्त्वपूर्ण लड़ाइयों में उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया था।
- उन्हें लगता था कि कारतूसों के कारण हुई उथल-पुथल थोड़े समय बाद ही शांत हो जाएगी।
प्रश्न 6. बहादुर शाह ज़फ़र द्वारा विद्रोहियों को समर्थन दे देने से जनता और राज परिवारों पर क्या असर पड़ा?
उत्तर: बहादुर शाह जफ़र द्वारा विद्रोहियों को समर्थन दे देने से जनता और राज परिवारों पर निम्न असर पड़ा:
- देश की बाकी सैनिक टुकड़ियों ने भी बगावत शुरू कर दी।
- कस्बों और गांवों के लोग भी बगावत में शामिल होने लगे।
- सभी स्थानीय नेताओं, जमींदारों और मुखियाओं ने भी जनता को संगठित करना शुरू कर दिया।
- कानपुर में नाना साहब ने सेना इकट्ठा की और अंग्रेज सैनिकों को खदेड़ दिया।
- लखनऊ में बेगम हजरत महल ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह कर दिया।
- झांसी में रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों को भारी चुनौती दी।
प्रश्न 7. अवध के बागी भूस्वामियों से समर्पण करवाने के लिए अंग्रेज़ों ने क्या किया?
उत्तर: अवध के बागी भू-स्वामियों से समर्पण करवाने के लिए अंग्रेजों ने निम्न कार्य किया:
- अंग्रेजों ने भू स्वामियों का विश्वास जीतने के लिए हर संभव प्रयास किये।
- उन्होंने वफादार भू स्वामियों के लिए इनामों की घोषणा की।
- उनको आश्वासन दिया गया कि जमीनों पर उनके परंपरागत अधिकार बने रहेंगे।
- अगर वे आत्मसमर्पण कर देंगे तो वे सुरक्षित रहेंगे और जमीनों के दावेदार रहेंगे।
प्रश्न 8. 1857 की बग़ावत के फलस्वरूप अंग्रेजों ने अपनी नीतियाँ किस तरह बदली?
उत्तर: 1857 की बग़ावत के बाद अंग्रेजों ने अपनी नीतियों में निम्नलिखित बदलाव किये:
- भारत का शासन ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश सरकार के पास चला गया।
- भारतीय राजाओं को आश्वासन दिया गया कि भविष्य में उनकी जमीनों पर कब्जा नहीं किया जाएगा।
- राजाओं के दत्तक पुत्र को भी उत्तराधिकारी माना जाएगा।
- ब्रिटिश सेना ने भारतीय सिपाहियों के अनुपात को कम कर दिया और ब्रिटिश सिपाहियों के अनुपात को बढ़ा दिया।
- अंग्रेजों ने फैसला लिया कि वे भारतीय रीति-रिवाज, धर्म, परम्पराओं और सामाजिक प्रथाओं को सम्मान देंगे।
- भू-स्वामियों और जमींदारों को उनकी जमीनों पर अधिकार को सुरक्षित किया गया।
आइए करके देखें
प्रश्न 9. पता लगाएँ कि सन सत्तावन की लड़ाई के बारे में आपके इलाके या आपके परिवार के लोगों को किस तरह की कहानियाँ और गीत याद हैं? इस महान विद्रोह से संबंधित कौन-सी यादें अभी लोगों को उत्तेजित करती हैं?
उत्तर: रानी लक्ष्मीबाई की कविता जो सुभद्रा कुमारी चौहान ने लिखी:-
महलों ने दी आग, झोंपड़ी ने ज्वाला सुलगाई थी,
यह स्वतंत्रता की चिनगारी, अंतरतम से आई थी,
झाँसी चेती दिल्ली चेती, लखनऊ लपटें छाई थी,
मेरठ, कानपुर, पटना ने, काफ़ी धूम मचाई थी,
जबलपुर, कोल्हापुर में भी, कुछ हलचल उकसानी थी।
बुंदेले हरबोलों के मुख, हमने सुनी कहानी थी।
ख़ूब लड़ी मर्दानी, वह तो झाँसी वाली रानी थी।
इस स्वतंत्रता-महायज्ञ में, कई वीरवर आये काम,
नाना, धुन्धुपन्त, तांतिया, चतुर अजीमुल्ला सरनाम,
अहमद शाह मौलवी, ठाकुर कुवरसिंह सैनिक अभिराम,
भारत के इतिहास-गगन में, अमर रहेंगे जिनके नाम,
लेकिन आज जुर्म कहलाती, उनकी तो कुर्बानी थी।
बुंदेले हरबोलों के मुख, हमने सुनी कहानी थी।
ख़ूब लड़ी मर्दानी, वह तो झांसीवाली रानी थी।
प्रश्न 10. झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में और पता लगाएँ। आप उन्हें अपने समय की एक विलक्षण महिला क्यों मानते हैं?
उत्तर: रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 1828 क आस-पास बनारस में हुआ। 14 वर्ष की आयु में उनका विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव के साथ हुआ। कुछ वर्षों के बाद उसने एक पुत्र को जन्म दिया परन्तु कुछ दिनों बाद उसकी मृत्यु हो गई। सन् 1853 में महाराज गंगाधर राव ने दामोदर राव को गोद ले लिया। उसके बाद बीमारी से महाराज की मृत्यु हो गई। रानी लक्ष्मीबाई अपने समय की एक विलक्षण महिला थी। रानी ने दामोदर राव को अपना उतराधिकारी घोषित कर दिया। ब्रिटिश शासन ने रानी के इस दावे को ठुकरा दिया और ‘लैप्स की नीति’ के तहत उनके राज्य को अंग्रेजी हुकूमत में मिलाने का फैसला किया। रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के साथ युद्ध छेड़ दिया। उसने एक सेना का निर्माण किया जिसमें महिलाएं एवं पुरुष दोनों थे। दो सप्ताह तक अंग्रेजों के साथ युद्ध हुआ जिसमें रानी ने अंग्रेजी सेना का बहुत ही दिलेरी से मुकाबला किया।
Ch-6: देशी जनता को सभ्य बनाना
फिर से याद करें
प्रश्न 1. निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ-
विलियम जोन्स रवीन्द्रनाथ टैगोर टॉमस मैकॉले महात्मा गांधी पाठशालाएँ | अंग्रेजी शिक्षा को प्रोत्साहन प्राचीन संस्कृतियों का सम्मान गुरु प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा अंग्रेजी शिक्षा के विरुद्ध |
उत्तर:-
विलियम जोन्स रवीन्द्रनाथ टैगोर टॉमस मैकॉले महात्मा गांधी पाठशालाएँ | प्राचीन संस्कृतियों का सम्मान गुरु अंग्रेजी शिक्षा को प्रोत्साहन अंग्रेजी शिक्षा के विरुद्ध प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा |
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ-
(क) जेम्स मिल प्राच्यवादियों के घोर आलोचक थे।
(ख) 1854 के शिक्षा संबंधी डिस्पैच में इस बात पर जोर दिया गया था कि भारत में उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेज़ी होना चाहिए।
(ग) महात्मा गांधी मानते थे कि साक्षरता बढ़ाना ही शिक्षा का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।
(घ) रवीन्द्रनाथ टैगोर को लगता था कि बच्चों पर सख्त अनुशासन होना चाहिए।
उत्तर: (क) सही
(ख) सही
(ग) गलत
(घ) गलत
आइए विचार करें
प्रश्न 3. विलियम जोन्स को भारतीय इतिहास, दर्शन और कानून का अध्ययन क्यों जरूरी दिखाई देता था?
उत्तर:
- विलियम जोन्स प्राचीन संस्कृतियों के प्रति गहरा आदर भाव रखते थे।
- उनका मानना था कि भारतीय सभ्यता प्राचीन काल में अपने वैभव के शिखर पर थी परंतु बाद में उसका पतन होता चला गया।
- उनकी राय में, भारत को समझने के लिए प्राचीन काल में लिखे गए पवित्र और कानूनी ग्रंथों को खोजना व समझना बहुत ज़रूरी था।
- उनका मानना था कि हिंदुओं और मुसलमानों के असली विचारों व कानूनों को इन्हीं रचनाओं के ज़रिए समझा जा सकता है
- और इन रचनाओं के पुनः अध्ययन से ही भारत के भावी विकास का आधार पैदा हो सकता है।
प्रश्न 4. जेम्स मिल और टॉमस मैकॉले ऐसा क्यों सोचते थे कि भारत में यूरोपीय शिक्षा अनिवार्य है?
उत्तर: जेम्स मिल और टॉमस मैकाले भारत में यूरोपीय शिक्षा को अनिवार्य मानते थे। इसके निम्न कारण थे:
- उनकी राय में शिक्षा के जरिए उपयोगी और व्यावहारिक चीजों का ज्ञान दिया जाना चाहिए।
- उनके अनुसार भारत में वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा पर जोर देना चाहिए।
- मैकाले का मानना था कि अंग्रेजी के ज्ञान से भारतीयों को दुनिया की श्रेष्ठतम साहित्य पढ़ने का मौका मिलेगा।
- यहां के लोग विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में हुए विकास से अवगत हो पाएंगे।
प्रश्न 5. महात्मा गांधी बच्चों को हस्तकलाएँ क्यों सीखाना चाहते थे?
उत्तर:
- गांधी जी का तर्क था कि शिक्षा से व्यक्ति का दिमाग और आत्मा विकसित होनी चाहिए।
- उनकी राय में केवल पढ़ने और लिखने की क्षमता पा लेना ही शिक्षा नहीं होती है।
- इसके लिए तो लोगों को हाथ से काम करना पड़ता है, हुनर सीखने पड़ते हैं।
- यह जानना पड़ता है कि विभिन्न चींजे किस तरह काम करती हैं।
- इससे उनका मस्तिष्क और समझने की क्षमता, दोनों विकसित होते हैं।
प्रश्न 6. महात्मा गांधी ऐसा क्यों सोचते थे कि अंग्रेजी शिक्षा ने भारतीयों को गुलाम बना लिया है?
उत्तर:
- महात्मा गांधी का कहना था कि औपनिवेशिक शिक्षा ने भारतीयों के मस्तिष्क में हीनता का बोध पैदा कर दिया है।
- इसके प्रभाव में आकर यहाँ के लोग पश्चिमी सभ्यता को श्रेष्ठतर मानने लगे हैं और अपनी संस्कृति के प्रति उनका गौरव भाव नष्ट हो गया है।
- महात्मा गांधी ने कहा कि इस शिक्षा में विष भरा है, यह पापपूर्ण है, इसने भारतीयों को दास बना दिया है, इसने लोगों पर प्रभाव डाला है।
- उनके मुताबिक, पश्चिम से अभिभूत, पश्चिम से आने वाली हर चीज़ की प्रशंसा करने वाले, इन संस्थानों में पढ़ने वाले भारतीय ब्रिटिश शासन को पसंद करने लगे थे।
- महात्मा गांधी एक ऐसी शिक्षा के पक्षधर थे जो भारतीयों के भीतर प्रतिष्ठा और स्वाभिमान का भाव पुनर्जीवित करे।
आइए करके देखें
प्रश्न 7. अपने घर के बुज़ुर्गों से पता करें कि स्कूल में उन्होंने कौन-कौन सी चीजें पढ़ी थीं?
उत्तर:
- पुराने जमाने में शारीरिक शिक्षा और धार्मिक शिक्षा की पढ़ाई होती थी।
- पहले के दिनों में लिखावट, सुलेख और श्रुतलेख जैसे विषय भी होते थे।
- बहुत से स्कूलों में होम साइंस, वुडवर्क, मेटलवर्क और कृषि विज्ञान जैसे विषय भी पढ़ाए जाते थे।
प्रश्न 8. अपने स्कूल या आसपास के किसी अन्य स्कूल के इतिहास का पता लगाएँ।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
Ch-7: महिलाएं, जाति एवं सुधार
फिर से याद करें
प्रश्न 1. निम्नलिखित लोगों ने किन सामाजिक विचारों का समर्थन और प्रसार किया:-
राममोहन रॉय
दयानंद सरस्वती
वीरेशलिंगम पंतुलु
ज्योतिराव फुले
पंडिता रमाबाई
पेरियार
मुमताज़ अली
ईश्वरचंद्र विद्यासागर
उत्तर:
राममोहन रॉय:- उन्होंने विधवा विवाह का समर्थन किया और सती प्रथा का विरोध किया।
दयानंद सरस्वती:- उन्होंने हिन्दू धर्म को सुधारने का प्रयास किया और विधवा विवाह का समर्थन किया।
वीरेशलिंगम पंतुलु- उन्होंने विधवा पुनर्विवाह के समर्थन में एक संगठन बनाया।
ज्योतिराव फुले:- उन्होंने जाती आधारित समाज की आलोचना की और दलितों पर अत्याचार का विरोध किया।
पंडिता रमाबाई:- उन्होंने हिन्दू महिलाओं की दुर्दशा पर किताब लिखी और पूना में एक विधवागृह की स्थापना की जहां ससुराल वालों के अत्याचारों से दुखी महिलाओं को पनाह दी गई।
पेरियार:- वे हिंदू धर्मग्रंथों के आलोचक थे। उन्होंने निम्न जातियों के उत्थान के लिए स्वाभिमान आन्दोलन शुरू किया।
मुमताज़ अली:- उन्होंने क़ुरान शरीफ़ की आयतों का हवाला देकर मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा का समर्थन दिया।
ईश्वरचंद्र विद्यासागर:- उन्होंने विधवा विवाह का समर्थन किया और लड़कियों की शिक्षा के लिए स्कूल खोले।
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ-
(क) जब अंग्रेज़ों ने बंगाल पर कब्ज़ा किया तो उन्होंने विवाह, गोद लेने, संपत्ति उत्तराधिकार आदि के बारे में नए कानून बना दिए।
(ख) समाज सुधारकों को सामाजिक तौर-तरीकों में सुधार के लिए प्राचीन ग्रंथों से दूर रहना पड़ता था।
(ग) सुधारकों को देश के सभी लोगों का पूरा समर्थन मिलता था।
(घ) बाल विवाह निषेध अधिनियम 1829 में पारित किया गया था।
उत्तर:
(क) सही।
(ख) गलत
(ग) गलत
(घ) सही
आइए विचार करें
प्रश्न 3. प्राचीन ग्रंथों के ज्ञान से सुधारकों को नए कानून बनवाने में किस तरह मदद मिली?
उत्तर: समाज सुधारक किसी हानिकारक प्रथा को वे चुनौती देना चाहते थे तो अकसर प्राचीन धार्मिक ग्रंथों से ऐसे श्लोक या वाक्य खोजने का प्रयास करते थे जो उनकी सोच का समर्थन करते हों। इसके बाद वे दलील देते थे कि संबंधित वर्त्तमान रीति-रिवाज प्रारंभिक परंपरा के खिलाफ है।
प्रश्न 4. लड़कियों को स्कूल न भेजने के पीछे लोगों के पास कौन-कौन से कारण होते थे?
उत्तर: लड़कियों को स्कूल न भेजने के पीछे लोगों के पास निम्न कारण थे:-
- लोगों को भय था कि स्कूल वाले लड़कियों को घर से निकाल ले जायेंगे और उन्हें घरेलु कामकाज नहीं करने देंगे।
- स्कूल जाने के लिए लड़कियों को सार्वजनिक स्थानों से गुजरना पड़ता था। इससे लड़कियाँ बिगड़ जाएँगी।
- उनकी मान्यता थी कि लड़कियों को सार्वजनिक स्थानों से दूर रहना चाहिए।
प्रश्न 5. ईसाई प्रचारकों की बहुत सारे लोग क्यों आलोचना करते थे? क्या कुछ लोगों ने उनका समर्थन भी किया होगा? यदि हाँ तो किस कारण ?
उत्तर: देश के कई भागों में लोगों ने ईसाई प्रचारकों पर हमला किया, क्योंकि उन्हें डर था कि ये प्रचारक जनजातीय समूहों तथा निम्न जाति के लोगों का धर्म परिवर्तित कर देंगे। हाँ, कुछ लोगों ने ईसाई प्रचारकों का समर्थन भी किया होगा जिसका निम्न कारण थे।
(i) ये प्रचारक जनजातीय लोगों तथा निम्न जाति के लोगों के लिए स्कूलों की स्थापना कर रहे थे।
(ii) इन लोगों के बच्चों के पास इससे कुछ ज्ञान एवं निपुणतायें आ रही थी। जिनके सहारे वे बदलती दुनिया में अपने लिए रास्ता बना सकते थे ।
प्रश्न 6. अंग्रेज़ों के काल में ऐसे लोगों के लिए कौन-से नए अवसर पैदा हुए जो “निम्न” मानी जाने वाली जातियों से संबंधित थे?
उत्तर:(i) शहरों में नौकरी के नए-नए अवसर सामने आ रहे थे। नए स्थापित कारखानों तथा निगमों में नौकरियाँ मिल रही थी।
(ii) मजदूरों, कुलियों, खुदाई करने वालों, ढोने वालों, ईंट बनाने वालों, नाली की सफाई करने वालों, जमादारों, रिक्शा खींच वालों की दिनों-दिन माँग बढ़ती जा रही थी।
(iii) असम, मारीशस तथा इंडोनेशिया के बागानों में भी नौकरी के अवसर बन रहे थे।
(iv) ईसाई प्रचारकों ने जनजातीय तथा निम्न जाति के बच्चों के लिए स्कूल की स्थापना की ।
प्रश्न 7. ज्योतिराव और अन्य सुधारकों ने समाज में जातीय असमानताओं की आलोचनाओं को किस तरह सही ठहराया?
उत्तर:आलोचनाओं को उचित बताना-
(i) ज्योतिराव फुले ने ब्राह्मणों की इस बात को गलत ठहराया कि आर्य होने के कारण वे अन्य लोगों से श्रेष्ठ हैं। फुले का तर्क था कि आर्य उपमहाद्वीप के बाहर से आए थे उन्होंने यहाँ के मूल निवासियों को हरा कर गुलाम बना लिया तथा पराजित जनता को निम्न जाती वाला मनाने लगे।
(ii) पेरियार ने हिंदू वेड पुराणों की आलोचना की उनका मानना था कि ब्राह्रणों ने निचली जातियों पर सटी तथा महिलाओं पर पुरूषों का प्रभुत्त्व स्थापित करने के लिए इन पुस्तकों का सहारा लिया हैं।
(iii) हरिदास ठाकुर ने भी जाती व्यवस्था शि ठहराने वाले ब्राह्म्णवादी ग्रन्थों पर सवाल उठाया।
(iv) अम्बेडकर ने भी मन्दिर प्रवेश आदोंलन के द्वारा समकालीन समाज में उच्च जातीय संरचना पर सवाल उठाए। वह इस आन्दोलन के द्वारा पूरे देश को दिखाना चाहते थे कि समाज में जातीय पूर्वाग्रहों की जकड कितनी मजबूत हैं।
प्रश्न 8. फुले ने अपनी पुस्तक गुलामगीरी को गुलामों की आज़ादी के लिए चल रहे अमेरिकी आंदोलन को समर्पित क्यों किया?
उत्तर: 1873 में फुले ने गुलामगिरी नामक एक किताब लिख गुलामगिरी का अर्थ होता है गुलामी | इस घटना के करीब 10 वर्ष पहले अमेरिकी गृहयुद्ध हुआ था जिसमें अंतत: अमेरिका में गुलामी प्रथा का अंत हुआ । यही कारण है कि फुले ने अपनी पुस्तक ‘गुलामगिरी’ को अमेरिका में गुलामी प्रथा के विरुद्ध आन्दोलन करने वालों को समर्पित किया ।
प्रश्न 9. मंदिर प्रवेश आंदोलन के ज़रिए अम्बेडकर क्या हासिल करना चाहते थे?
उत्तर:(i) 1927 से 1935 के बीच अम्बेडकर ने मदिरों में प्रवेश के लिए ऐसे तीन आन्दोलन चलाये, वे पूरे देश को दिखना चाहते थे कि समाज में जातीय पूर्वाग्रहों की जकड कितनी मजबूत है। वे अपने महार जाति के लोगों को मंदिर में प्रवेश का हक दिलाना चाहते थे । समाजिक भेदभाव समाप्त करना उनका उद्देश्य था।
(ii) समकालीन समाज में उच्च जातीय सत्ता संरचना के कारण निम्न जातियों के साथ असमानता, बुरा व्यवहार तथा भेदभाव हो रहा था |
(iii) जिसके माध्यम से वह देश को दिखाना चाहते थे कि समाज पूर्वाग्रहों की जकड कितनी मजबूत हैं लेकिन लगातार विरोध करने पर इसकों कमजोर किया जा सकता हैं।
प्रश्न 10. ज्योतिराव फुले और रामास्वामी नायकर राष्ट्रीय आंदोलन की आलोचना क्यों करते थे? क्या उनकी आलोचना से राष्ट्रीय संघर्ष में किसी तरह की मदद मिली?
उत्तर: राष्ट्रीय संघर्ष में मदद:
(i) फुले ने जाती व्यवस्था की अपनी आन्दोलन को सभी प्रकार की गैर बराबरी से जोड़ दिया था, वह उच्च जाती महिलाओं की दुर्दशा, मजदूरों की मुसीबतों और निम्न जातियों के अपमानपूर्ण हालत के बारे में गहरे तौर पर चिंतित थे।
(ii) पेरियार की दलीलों और आंदोलन से उच्च जातीय नेताओं के बीच कुछ आत्ममंथन और आत्मालोचना की प्रक्रिया शुरू हुई।
(iii) इनकी आलोचना से मसाज में समानता का भाव आया| जातीय बंधन ढीले पड़े, छुआछूत की भावना काम हुई, जिससे राष्ट्रीय आदोलन में एकता का भाव पैदा हुआ।
Ch-8: राष्ट्रीय आंदोलन का संघटन 1870-1947
प्रश्न 1 : 1870 और 1880 के दशकों में लोग ब्रिटिश शासन से क्यों असंतुष्ट थे ?
उत्तर: 1870 और 1880 के दशकों में लोग ब्रिटिश शासन से निम्नलिखित कारणों से असंतुष्ट थे:
- अंग्रेजों ने 1878 में आर्म्स एक्ट पारित किया जिसके जरिए भारतीयों से अपने पास हथियार रखने का अधिकार छीन लिया गया।
- इसी साल में वर्नाकुलर प्रेस एक्ट भी पारित किया गया जिसके द्वारा प्रेस की आजादी छीन ली गई।
- अंग्रेजी शासन द्वारा इल्बर्ट बिल को वापिस ले लिया गया जो अंग्रेजों और भारतीय न्यायधीशों के बीच समानता स्थापित करने के लिए लाया जाना था।
- इन सभी घटनाओं से अंग्रेजों की नीयत का पता चलता है। लोग अंग्रेजी शासन से असंतुष्ट थे।
प्रश्न 2: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किन लोगों के पक्ष में बोल रही थी ?
उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के सभी समुदायों के पक्ष में बोल रही थी।
प्रश्न 3: पहले विश्व युद्ध से भारत पर कौन से आर्थिक असर पड़े ?
उत्तर: पहले विश्व युद्ध से भारत पर निम्नलिखित आर्थिक असर पड़े –
- इस युद्ध की वजह से अंग्रेजों के रक्षा खर्च में भारी इजाफा हुआ था।
- इस खर्च की पूर्ति के लिए सरकार ने कर बढ़ा दिए।
- सैनिक व्यय में इजाफे तथा युद्धक आपूर्ति की वजह से जरुरी चीजों की कीमतों में भारी उछाल आया।
- आम लोगो की जिन्दगी मुश्किल होती गई और व्यापारी बहुत मुनाफा कमाते गए।
- इस युद्ध में औद्योगिक वस्तुओं (जुत के बोरे, कपड़े, पटरियाँ) की माँग बढ़ गई और अन्य देशों से आयात में कमी आ गई थी।
प्रश्न 4. 1940 के मुस्लिम लीग के प्रस्ताव में क्या माँग की गई थी ?
उत्तर: 1940 में मुस्लिम लीग ने देश के पश्चिमोत्तर तथा पूर्वी क्षेत्रों में मुसलमानों के लिए “स्वतंत्र राज्यों” की माँग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। इस प्रस्ताव में विभाजन या पाकिस्तान का जिक्र नहीं था। मुस्लिम लीग एक स्वायत व्यवस्था की माँग कर रहे थे।
प्रश्न 5 : मध्यमार्गी कौन थे ? वे ब्रिटिश शासन के खिलाफ किस तरह का संघर्ष करना चाहते थे ?
उत्तर: मध्यमार्गी वे नेता थे जो शासन में अपनी भागीदारी चाहते थे। उन्होंने सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए मध्य मार्ग अपनाया। मध्यमार्गी नेता जनता को ब्रिटिश शासन के अन्यायपूर्ण चरित्र से अवगत कराना चाहते थे। उन्होंने अख़बार निकाले, लेख लिखे और यह साबित करने का प्रयास किया कि ब्रिटिश शासन देश को आर्थिक तबाही की तरफ ले जा रहा है। उन्होंने अपने भाषणों में ब्रिटिश शासन की निंदा की और जनमत निर्माण के लिए देश के विभिन्न भागों में अपने प्रतिनिधि भेजे।
प्रश्न 6: कांग्रेस के आमूल परिवर्तनवादी धड़े की राजनीति मध्यमार्गी धड़े की राजनीति से किस तरह भिन्न थी?
उत्तर: कांग्रेस के आमूल परिवर्तनवादी धड़े को गरम दल भी कहा जाता है। उन्होंने मध्यमार्गियों के तौर तरीकों पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। वे निवेदन की राजनीति की आलोचना करने लगे। उन्होंने आत्मनिर्भरता तथा रचनात्मक कामों के महत्त्व पर जोर दिया। उनका मानना था कि लोगों को सरकार के नेक इरादों पर नहीं बल्कि अपनी ताकत पर भरोसा करना चाहिए। लोगों को स्वराज के लिए लड़ना चाहिए।
प्रश्न 7: चर्चा करें कि भारत के विभिन्न भागों में असहयोग आन्दोलन ने किस-किस तरह के रूप ग्रहण किए ? लोग गाँधीजी के बारे में क्या समझते थे ?
उत्तर: असहयोग आन्दोलन में लोगों ने अपने तरीके से भाग लिया जो निम्न है:
- गुजरात के खेड़ा में पाटीदार किसानों ने अंग्रेजों द्वारा थोप दिए गए भारी लगान के खिलाफ अहिंसक अभियान चलाया।
- तटीय आन्ध्र प्रदेश और तमिलनाडु के भीतरी भागों में शराब की दुकानों की घेराबंदी की गई।
- आन्ध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में आदिवासी और गरीब किसानों ने बहुत सारे “वन सत्याग्रह” किए।
- बहुत से वन गांवों में किसानों ने स्वराज की घोषणा कर दी। उन्हें उम्मीद थी कि जल्दी ही गांधीराज स्थापित होने वाला है।
- पंजाब में सिखों ने अकाली आन्दोलन शुरू कर दिया जो असहयोग आन्दोलन से काफी घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ दिखाई दे रहा था।
लोग गाँधी जी को एक मसीहा, एक ऐसा व्यक्ति समझते थे जो उन्हें मुसीबतों और गरीबी से छुटकारा दिला सकता है।
प्रश्न 8: गाँधीजी ने नमक कानून तोड़ने का फैसला क्यों लिया ?
उत्तर: गाँधीजी ने नमक कानून तोड़ने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि नमक का अमीर-गरीब सभी प्रयोग करते थे। यह भोजन का अभिन्न हिस्सा था। नमक कानून का विरोध करके गांधी जी ने आम जनता को आंदोलन में शामिल करना चाहते थे। गांधी जी की नमक कानून तोड़ने की दांडी यात्रा में लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। अत: नमक यात्रा आंदोलन के लिए एक असरदार प्रतीक साबित हुआ।
प्रश्न 9 : 1937-47 की उन घटनाओं पर चर्चा करें जिनके फलस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ?
उत्तर: 1937 से 1947 के बीच निम्न घटनाएँ हुए जिनके फलस्वरूप पाकिस्तान का जन्म हुआ:-
- 1937 के चुनावों की हार ने मुस्लिम लीग को यकीन दिला दिया कि मुसलमान अल्पसंख्यक है और किसी भी लोकतान्त्रिक संरचना में उन्हें हमेशा गौण भूमिका निभानी पड़ेगी।
- मुस्लिम लीग को भय था कि संभवत उन्हें प्रतिनिधित्व ही नहीं मिल पाये।
- चालीस के दशक में कांग्रेस के ज्यादातर नेता जेल में थे इस समय में लीग ने अपना प्रभाव बनाना शुरू कर दिया।
- 1946 के प्रांतीय चुनाव में मुस्लिम लीग ने आरक्षित सीटों पर बेजोड़ जीत हासिल की।
- मुस्लिम लीग ने “पाकिस्तान” की माँग मनवाने के लिए जनआन्दोलन शुरू कर दिए। लीग ने 16 अगस्त 1946 को “प्रत्यक्ष कार्रवाई दिवस” मानने का आह्वान किया।
भूगोल
अध्याय 1: संसाधन
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(i) पृथ्वी पर संसाधन असमान रूप से क्यों वितरित हैं?
उत्तर- प्राकृतिक संसाधन का वितरण भूभाग, जलवायु, ऊंचाई जैसे अनेक भौतिक कारको पर निर्भर करते हैं। पृथ्वी पर इन कारको में विभिन्नता होने के कारण संसाधन असमान रूप से वितरित हैं।
(ii) संसाधन संरक्षण क्या हैं?
उत्तर- संसाधनो का सतर्कतापूर्वक उपयोग करना और उन्हें नवीकरण के लिए समय देना, संसाधन संरक्षण कहलाता है।
(iii) मानव संसाधन महत्वपूर्ण क्यों हैं?
उत्तर- पृथ्वी पर और अधिक संसाधन तैयार करने के लिए ज्ञान, कौशल और प्रौद्योगिकी की जरूरत होती है। इसलिए मानव संसाधन महत्वपूर्ण होता है क्योकि मनुष्य ही मूल्यवान संसाधन बनाने में सहयोग करता है।
(iv) सततपोषणीय विकास क्या है?
उत्तर- संसाधनो का उपयोग करने की आवश्कता और भविष्य के लिए उनके संरक्षण में संतुलन बनाए रखना सततपोषणीय विकास कहलाता हैं।
प्रश्न-2 सही उत्तर पर निशान लगाईए।
(i) निम्नलिखित में से कौन संसाधन को निर्धारित नही करता ?
(क) उपयोगिता (ख) मूल्य (ग) मात्रा
(ii) निम्नलिखित में से कौन सा मानव निर्मित संसाधन है?
(क) कैंसर उपचार की औषधियाँ (ख) झरने का जल (ग) उष्णकटिबंधीय वन
(iii) कथन पूरा कीजिए- जैव संसाधन___________ होते है।
(क) जीव जन्तुओं से व्युत्पन्न (ख) मनुष्यों द्वारा निर्मित (ग) निर्जीव वस्तुओं से व्युत्पन्न
उत्तर- (i) (ग), (ii) (क), (iii) (क)
प्रश्न 3: क्रियाकलाप
” रहिमन पानी राखिए बिनु पानी सब सून
पानी गए न ऊबरे मोती, मानुस, चून “
ये पंक्तियाँ अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक कवि अब्दुर रहीम खानखाना द्वारा लिखी गई थी। कवि किस प्रकार के संसाधन की और संकेत कर रहा है? इस संसाधन के समाप्त हो जाने पर क्या होगा? इसे 100 शब्दों में लिखिए।
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि जल संसाधन की ओर संकेत कर रहा है। अगर जल संसाधन समाप्त हो गया तो पृथ्वी पर जीवन असंभव हो जाएगा। जल संसाधन के बिना सारे पौधे सूख जाएंगे। समुंद्र सूख जाएंगे जिससे सारे समुंद्री जीव मर जाएंगे। पानी के बिना मनुष्य भी जीवित नहीं रहेगा। वनों में रहने वाले सभी जीव पानी की कमी से मर जाएंगे ।
इस प्रकार पूरे पृथ्वी से जीवन समाप्त हो जाएगा।
प्रश्न 4: संसाधन क्या होते हैं? संसाधन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: प्रत्येक वस्तु जिसका उपयोग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है, वह संसाधन हैं।
संसाधन तीन प्रकार के होते हैं:-
- प्राकृतिक
- मानव निर्मित
- मानव
अध्याय 2: भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीव संसाधन
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(i) मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी दो मुख्य जलवायु कारक कौन से हैं?
उत्तर: तापमान और वर्षा।
(ii) भूमि निम्नीकरण के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर: वनोन्मूलन और अतिचारण।
(iii) भूमि को महत्त्वपूर्ण संसाधन क्यों माना जाता है?
उत्तर: भूमि को महत्वपूर्ण संसाधन माना जाता है क्योंकि इसका उपयोग कृषि, वानिकी, खनन, सड़को, उघोगों की स्थापना के लिए किया जाता है।
(iv) किन्हीं दो सोपानों के नाम बताइए जिन्हें सरकार ने पौधों और प्राणियों के संरक्षण के लिए आरंभ किया है।
उत्तर: (क) सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समझौता सी० आई० टी० ई० एस० ( द कन्वेंशन ऑन इंटरनेश्नल ट्रेड एनड़ेंजर्ड स्पीशीज ऑफ़ वाईल्ड फौना एंड फ्लौरा) किया है। जिसमे प्राणियों और पक्षियों की कई जातियों का व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है ।
(ख) भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 लागू किया गया।
(v) जल संरक्षण के तीन तरीके बताइए ।
उत्तर:
- उद्योगों के अपशिष्ट पदार्थों को नदियों और झीलों में नहीं बहाना चाहिए।
- अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाए क्योंकि वनस्पति आवरण जल के प्रवाह को मंद करते है भुमिगत जल को पुनः पूरित करते है।
- स्प्रिंकलरो और ड्रिप सिंचाई द्वारा।
प्रश्न 2. सही उत्तर को चिह्नित कीजिए। –
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा कारक मृदा निर्माण का नहीं है?
(क) समय। (ख) मृदा का गठन। (ग) जैव पदार्थ
उत्तर: (ख) मृदा का गठन
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सी विधि तीव्र ढालों पर मृदा अपरदन को रोकने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?
(क) रक्षक मेखला। (ख) मलचिंग। (ग) वेदिका कृषि
उत्तर: (ग) वेदिका कृषि
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकृति के संरक्षण के अनुकूल नहीं है?
(क) बल्ब को बंद कर देना चाहिए जब आवश्यकता न हो।
(ख) नल को उपयोग के बाद तुरंत बंद कर देना चाहिए।
(ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।
उत्तर: (ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।
3. निम्नलिखित का मिलान कीजिए
(क) भूमि उपयोग (ख) ह्यूमस (ग) चट्टान बाँध (घ) जैवमंडल | (i) मृदा अपरदन को रोकना (ii) स्थलमंडल, जलमंडल और वायुमंडल के बीच जुड़ा एक संकरा क्षेत्र (iii) भूमि का उत्पादनकारी उपयोग (iv) ऊपरी मृदा पर निक्षेपित जैव पदार्थ (v) समोच्चरेखीय जुताई |
उत्तर:
(क) भूमि उपयोग (ख) ह्यूमस (ग) चट्टान बाँध (घ) जैवमंडल | (iii) भूमि का उत्पादनकारी उपयोग (iv) ऊपरी मृदा पर निक्षेपित जैव पदार्थ (i) मृदा अपरदन को रोकना (ii) स्थलमंडल, जलमंडल और वायुमंडल के बीच जुड़ा एक संकरा क्षेत्र |
प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों में से सत्य अथवा असत्य बताइए। यदि सत्य है तो उसके कारण लिखिए-
(i) भारत का गंगा, ब्रह्मपुत्र का मैदान अत्यधिक आबाद प्रदेश है।
उत्तर: यह कथन सत्य है। ये मैदान अत्यधिक उपजाऊ है। यहां जल संसाधन प्रचूर मात्रा में है। समतल भूमि आबादी के लिए सुगम है।
(ii) भारत में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता कम हो रही है।
उत्तर: यह कथन सत्य है। भारत में बढ़ती हुई जनसंख्या, कृषि के लिए अतिसिंचाई उद्योगों में प्रयोग होने के कारण जल की उपलब्धता कम हो रही है।
(iii) तटीय क्षेत्रों में पवन गति रोकने के लिए वृक्ष कतार में लगाए जाते हैं, जिसे बीच की फसल उगाना कहते हैं।
उत्तर: यह कथन असत्य है।
(iv) मानवीय हस्तक्षेप और जलवायु परिवर्तन पारितंत्र को व्यवस्थित रख सकते हैं।
उत्तर: यह कथन असत्य है।
क्रियाकलाप
भूमि उपयोग प्रतिरूप के परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कुछ और कारणों की चर्चा कीजिए। पिछले कुछ वर्षों में क्या आपके स्थान पर भूमि उपयोग प्रतिरूप में कोई परिवर्तन हुआ है? अपने माता-पिता और बड़े लोगों से पता कीजिए। आप निम्नलिखित प्रश्नों को पूछकर एक साक्षात्कार ले सकते हैं
स्थान | जब आपके दादा-दादी 30 वर्ष की आयु में थे। | जब आपके माता-पिता 30 वर्ष की आयु में थे। | आप क्यों सोचते हैं कि ऐसा हो रहा है? | क्या सामान्य क्षेत्र और खुले क्षेत्र विलुप्त हो रहे हैं? |
ग्रामीण | ||||
पशु और मुर्गी पालन उद्योग की संख्या | ||||
गाँव में पेड़ों और तालाबों की संख्या | ||||
परिवार के मुखिया का व्यवसाय | ||||
नगरीय | ||||
कारों की संख्या | ||||
घर में कमरों की संख्या | ||||
पक्की सड़कों की संख्या | ||||
पार्क और खेल के मैदानों की संख्या |
आपने जो तालिका पूरी की है उसके आधार पर भूमि उपयोग प्रतिरूपों का एक चित्र बनाइए जिन्हें आप 20 वर्ष बाद अपने पड़ोस में देखने की कल्पना करते हैं। आप क्यों सोचते हैं कि वर्षों बाद भूमि उपयोग प्रतिरूप बदल जाता है?
उत्तर:
स्थान | जब आपके दादा-दादी 30 वर्ष की आयु में थे। | जब आपके माता-पिता 30 वर्ष की आयु में थे। | आप क्यों सोचते हैं कि ऐसा हो रहा है? | क्या सामान्य क्षेत्र और खुले क्षेत्र विलुप्त हो रहे हैं? |
ग्रामीण | ||||
पशु और मुर्गी पालन उद्योग की संख्या | 2 | 5 | बढ़ती जनसंख्या | हां |
गाँव में पेड़ों और तालाबों की संख्या | 500 और 20 | 100 और 3 | ||
परिवार के मुखिया का व्यवसाय | कृषि | मजदूरी | ||
नगरीय | ||||
कारों की संख्या | 2 | 24 | ||
घर में कमरों की संख्या | 1 | 3 | ||
पक्की सड़कों की संख्या | 2 | 10 | ||
पार्क और खेल के मैदानों की संख्या | 5 | 10 |
अध्याय 3: कृषि
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) कृषि क्या है?
उत्तर: कृषि एक प्राथमिक क्रिया है। फसलों, फलों, सब्जियों, फूलों को उगाना तथा पशुपालन इसमें शामिल हैं।
(ii) उन कारकों का नाम बताइए जो कृषि को प्रभावित कर रहे हैं।
उत्तर: कृषि को प्रभावित करने वाले कारक:-
- स्थल या धरती
- मृदा
- जलवायु
(iii) स्थानांतरी कृषि क्या है? इस कृषि की क्या हानियाँ हैं?
उत्तर: जब एक स्थान पर भूमि में उपजाऊपन खत्म हो जाता है तो दूसरे स्थान पर वनों को साफ करके कृषि की जाती है। इस प्रकार की कृषि को स्थानांतरी कृषि कहते हैं।
(iv) रोपण कृषि क्या है?
उत्तर: इस प्रकार की कृषि में एक स्थान पर फसलों की नर्सरी तैयार की जाती है फिर उनकी खेतों में रोपाई की जाती है।
(v) सरकार किसानों को कृषि के विकास में किस प्रकार मदद करती है ?
उत्तर: सरकार किसानों को कृषि के विकास में निम्न प्रकार से प्रकार मदद करती है:
- अधिक उपज देने वाले उत्तम खाद व बीजों के उत्पादन में सहयोग किया।
- सूखा, बाढ़, चक्रवात, आग एवं बीमारी जैसी घटनाओं से फसलों को बचने हेतु फसल -बीमा योजना लागू की गई ।
- किसानों को कम दर पर ऋण दिलाने के लिए ग्रामीण बैंकों, सहकारी समितियाँ और बैंकों की स्थापना की गई।
- किसानों को खेती में खर्च के लिए किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया है।
- रेडियो और टीवी पर विशेष किसान कार्यक्रम प्रसारित किए गए।
- दलालों और बिचौलियों के शोषण से बचाने के लिए फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया गया।
प्रश्न 2. सही उत्तर को चिह्नित कीजिए-
(i) उद्यान कृषि का अर्थ है
(क) गेहूँ उगाना
(ख) आदिम कृषि
(ग) फलों व सब्ज़ियों को उगाना
उत्तर: (ग) फलों व सब्ज़ियों को उगाना
(ii) ‘सुनहरा रेशा ‘ से अभिप्राय है-
(क) चाय
(ख) कपास
(ग) पटसन
उत्तर: (ग) पटसन
(iii) कॉफी का प्रमुख उत्पादक है-
(क) ब्राजील
(ख) भारत
(ग) रूस
उत्तर: (क) ब्राजील
प्रश्न 3. कारण बताइए-
(i) भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।
उत्तर: भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है क्योंकि प्राथमिक क्रियाओं में प्राकृतिक संसाधनों से उत्पादन और निष्कर्षण आता है। कृषि भी भूमि से उत्पादन की क्रिया है।
(ii) विभिन्न फ़सलें विभिन्न प्रदेशों में उगाई जाती हैं।
उत्तर: विभिन्न फसलों के लिए विभिन्न मृदा और जलवायु की आवश्यकता होती है। अतः विभिन्न फसलें अपने अनुकूल मृदा और जलवायु वाले प्रदेशों में उगाई जाती है।
प्रश्न 4. अंतर स्पष्ट कीजिए-
(i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ
उत्तर:
प्राथमिक क्रियाएँ | तृतीयक क्रियाएँ |
प्राथमिक क्रियाओं के अंतर्गत वे क्रियाएं आती है जिनका संबंध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से है।इसमें कृषि और खनन क्रियाएं आती है। | तृतीयक क्रियाएं प्राथमिक और द्वितीयक क्रियाओं को सेवाएं प्रदान करती हैइसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार, परिवहन, आदि क्रियाएं आती है। |
(ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि
उत्तर:
निर्वाह कृषि | गहन कृषि |
निर्वाह कृषि परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बड़े खेतों में बिना संसाधनों के फसल उगाई जाती है।इसमें सिंचाई वर्षा पर निर्भर होती है।इसमें कम पूंजी की आवश्यकता होती है। | गहन कृषि में छोटे खेतों में अधिक श्रम व साधनों से अधिक फसलें उगाई जाती है। इसमें सिंचाई कुओं व नलकूपों द्वारा की जाती है।इसमें अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है। |
प्रश्न 5. क्रियाकलाप-
(i) बाज़ार में उपलब्ध गेहूँ, चावल, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, तिलहन और दलहन के बीजों को एकत्र कीजिए। उन्हें कक्षा में लाइए और पता लगाइए कि वे किस प्रकार की मृदा में उगते हैं?
उत्तर:
फसल का नाम | मृदा का प्रकार |
गेहूँचावलमक्काज्वारबाजराज्वाररागीतिलहनदलहन | जलोढ़ मृदाचीका युक्त जलोढ़ मृदाजलोढ़ मृदाबलुआ, जलोढ़ मृदाबलुआ, जलोढ़ मृदाजलोढ़ मृदाबलुआ, जलोढ़ मृदाजलोढ़ मृदाजलोढ़ मृदा |
(ii) पत्रिकाओं, पुस्तकों, समाचारपत्रों और इंटरनेट से संगृहीत चित्रों के आधार पर संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के किसानों की जीवन शैली के मध्य अंतर पता कीजिए ।
उत्तर:
भारत के किसानों की जीवन शैली:-
संयुक्त राज्य अमेरिका के किसानों की जीवन शैली:-
अध्याय 4: उद्योग
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(i) ‘उद्योग’ शब्द का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: उद्योग का संबंध उन आर्थिक गतिविधियों से है जो कि वस्तुओं के उत्पादन, खनिजों के निष्कर्षण अथवा सेवाओं की व्यवस्था से संबंधित है।
(ii) वे कौन-से मुख्य तथ्य हैं जो उद्योग की अवस्थिति को प्रभावित करते हैं?
उत्तर- (i) कच्चा माल (ii) ऊर्जा, (iii) अनुकूल जलवायु, (iv) भूमि, (v) पूंजी, (vi) परिवहन, (vii) बाजार (viii) श्रम।
(iii) कौन-सा उद्योग प्रायः आधुनिक उद्योग का मेरुदंड कहा जाता है और क्यों ?
उत्तर- इस्पात उद्योग को आधुनिक उद्योग का मेरुदंड कहा जाता है क्योंकि सारी वस्तुएं जिनका हम लोग उपयोग करते हैं वे या तो लोहा या इस्पात से बनी हैं अथवा इन धातुओं से निर्मित औजारों और मशीनों से बनी हैं।
प्रश्न 2. अंतर स्पष्ट कीजिए-
(i) कृषि आधारित और खनिज आधारित उद्योग
उत्तर:
कृषि आधारित | खनिज आधारित उद्योग |
इन उद्योगों में कृषि उत्पादों को कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है।उदाहरण: सूती वस्त्र उद्योग और चीनी उद्योग। | इन उद्योगों में खनिज पदार्थों को कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है।उदाहरण: सीमेंट उद्योग और लौहा-इस्पात उद्योग। |
(ii) सार्वजनिक क्षेत्र और संयुक्त क्षेत्र के उद्योग
उत्तर:
सार्वजनिक क्षेत्र | संयुक्त क्षेत्र के उद्योग |
इन उद्योगों का स्वामित्व और संचालन सरकार द्वारा होता है। जैसे:- रेलवे, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया। | इन उद्योगों का स्वामित्व और संचालन सरकार और लोगों द्वारा होता है। जैसे:- मारूति उद्योग। |
प्रश्न 3. दिए गए स्थानों में निम्नलिखित के दो-दो उदाहरण दीजिए-
(i) कच्चा माल: _____________ और _______________
(ii) अंतिम उत्पाद: _____________ और _______________
(iii) तृतीयक क्रियाकलाप : _____________ और _______________
(iv) कृषि आधारित उद्योग : _____________ और _______________
(v) कुटीर उद्योग: _____________ और _______________
(vi) सहकारिता : _____________ और _______________
उत्तर:
(i) कच्चा माल: बाॅक्साइट और कोयला
(ii) अंतिम उत्पाद: गाड़ी और कपड़े
(iii) तृतीयक क्रियाकलाप : बैंकिंग और परिवहन
(iv) कृषि आधारित उद्योग : सूती वस्त्र उद्योग और चीनी उद्योग
(v) कुटीर उद्योग: मिट्टी के बर्तन बनाना और बांस की टोकरी बनाना
(vi) सहकारिता : अमूल डेयरी और सुधा डेयरी।
अध्याय 5: मानव संसाधन
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(i) लोगों को एक संसाधन क्यों समझा जाता है?
उत्तर: लोग हर वस्तु को अपनी आवश्यकताओं और योग्यताओं द्वारा संसाधन में परिवर्तित कर देते हैं। इसलिए लोगों को संसाधन समझा जाता है।
(ii) विश्व में जनसंख्या के असमान वितरण के क्या कारण हैं?
उत्तर: विश्व में जनसंख्या के असमान वितरण के निम्नलिखित कारण हैं:-
- विश्व की अधिकतर जनसंख्या समतल मैदानों में निवास करती है।
- जनसंख्या के वितरण में जलवायु एक महत्वपूर्ण कारक है। बर्फीले स्थानों और गर्म मरुस्थलीय भागों में जनसंख्या कम है।
- एशिया और अफ्रीका महाद्वीप में तीन चौथाई जनसंख्या निवास करती हैं।
- उपजाऊ भूमि पर जनसंख्या का वितरण अधिक होता है।
- औघोगिक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर अधिक होने के कारण लोग बड़ी संख्या में आकर बसते हैं।
- सांस्कृतिक कारक धर्म और सांस्कृतिक महत्ता वाले स्थान लोगों को आकर्षित करते हैं।
- सामाजिक कारक अच्छे आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविशाओं के क्षेत्र को आकर्षित करते हैं।
(iii) विश्व की जनसंख्या अत्यंत तीव्रता से बढ़ रही है। क्यों?
उत्तर: तीव्र जनसंख्या वृद्धि के निम्नलिखित कारण है:
- खाघ आपूर्ति और औषधियों के कारण मृत्यु दर में कमी।
- जन्म-दर का अभी भी अधिक रहना।
(iv) जनसंख्या परिवर्तन को प्रभावित करने वाले किन्हीं दो कारकों की भूमिका का वर्णन कीजिए |
उत्तर: जनसंख्या परिवर्तन को प्रभावित करने वाले दो कारक निम्न हैं:
- जन्म दर और मृत्यु दर जनसंख्या को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- प्रवास भी जनसंख्या परिवर्तन का एक प्रमुख कारक है। प्रवासियों के आने से जनसंख्या में वृद्धि होती है।
(v) जनसंख्या संघटन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर: जनसंख्या संघटन आयु, लिंग-अनुपात, साक्षरता दर, स्वास्थ्य, व्यवसाय, आय के स्तर पर किसी देश की जनसख्या की संरचना को दर्शाता हैं।
(vi) जनसंख्या पिरामिड क्या है? ये किसी देश की जनसंख्या को समझने में किस प्रकार मदद करते हैं?
उत्तर: जनसँख्या संघटन के अध्ययन की एक रुचिकर विधि को जनसंख्या पिरामिड कहते हैं। यह किसी देश की जनसंख्या के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने में मदद करता है। जनसंख्या पिरामिड का आकार किसी देश में रहने वाले लोगों की कहानी बताता है। पिरामिड सभी आंकड़ों को सरलता से दर्शाता है।
प्रश्न 2. सही को चिह्नित कीजिए
(i) जनसंख्या वितरण शब्द से क्या तात्पर्य है?
(क) किसी विशिष्ट क्षेत्र में समय के साथ जनसंख्या में किस प्रकार परिवर्तन होता है।
(ख) किसी विशिष्ट क्षेत्र में जन्म लेने वाले लोगों की संख्या के संदर्भ में मृत्यु प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या ।
(ग) किसी दिए हुए क्षेत्र में लोग किस रूप में वितरित हैं।
उत्तर:(ग) किसी दिए हुए क्षेत्र में लोग किस रूप में वितरित हैं।
(ii) वे तीन मुख्य कारक कौन से हैं जिनसे जनसंख्या में परिवर्तन होता है?
(क) जन्म, मृत्यु और विवाह
(ख) जन्म, मृत्यु और प्रवास
(ग) जन्म, मृत्यु और जीवन प्रत्याशा
उत्तर: (ख) जन्म, मृत्यु और प्रवास
(iii) 1999 में विश्व की जनसंख्या हो गई –
(क) 1 अरब
(ख) 3 अरब
(ग) 6 अरब
उत्तर: (क) 1 अरब
(iv) जनसंख्या पिरामिड क्या है?
(क) जनसंख्या का आयु-लिंग संघटन का आलेखीय निरूपण ।
(ख) जब किसी क्षेत्र का जनघनत्व इतना बढ़ जाता है कि लोग ऊँची इमारतों में रहते हैं।
(ग) बड़े नगरीय क्षेत्रों में जनसंख्या वितरण का प्रतिरूप ।
उत्तर:(क) जनसंख्या का आयु-लिंग संघटन का आलेखीय निरूपण।
प्रश्न 3. नीचे दिए शब्दों का उपयोग करके वाक्यों को पूरा कीजिए –
विरल, अनुकूल, परती, कृत्रिम, उर्वर, प्राकृतिक, चरम, घना ।
जब लोग किसी क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं तब यह…………बसा हुआ बन जाता है। इसे प्रभावित करने वाले कारकों के अंतर्गत ……… जलवायु …. …. संसाधनों की आपूर्ति और……. .. ज़मीन आते हैं।
उत्तर: जब लोग किसी क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं तब यह घना बसा हुआ बन जाता है। इसे प्रभावित करने वाले कारकों के अंतर्गत अनुकूल जलवायु प्राकृतिक संसाधनों की आपूर्ति और उर्वर ज़मीन आते हैं।
प्रश्न 4. क्रियाकलाप
जिस समाज में ‘ 15 वर्ष से कम आयु के बहुत से लोग’ हैं और ’15 वर्ष से कम आयु के बहुत कम लोग हैं उस समाज की विशेषताओं का वर्णन करो संकेत: विद्यालय की आवश्यकता, पेंशन स्कीम, शिक्षक, खिलौने, पहिएदार कुर्सी, श्रम आपूर्ति, अस्पताल। –
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
Ch-1: भारतीय संविधान
प्रश्न 1. किसी लोकतांत्रिक देश को संविधान की ज़रूरत क्यों पड़ती है?
उत्तर: किसी लोकतान्त्रिक देश को संविधान की जरुरत निम्न कारणों से पड़ती है :-
- संविधान से राजनेताओं के सत्ता के दुरुपयोग को रोका जा सकता है।
- संविधान नागरिकों के अधिकारों को स्पष्ट करता है तथा उनके अधिकारों की रक्षा करता है ।
- संविधान शासन व्यवस्था को नियमानुसार चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- संविधान सभी नागरिकों के मूल्य एवं आदर्शों को निर्धारित करता है।
- संविधान शासन की शक्तियों को सीमित करता है।
- संविधान शासन की निरंकुशता को नियंत्रित करता है।
प्रश्न 2. नीचे दिए गए दो दस्तावेजों के हिस्सों को देखिए। पहला कॉलम 1990 का नेपाल के संविधान का है। दूसरा कॉलम नेपाल के ताज़ा संविधान में से लिया गया है।
1990 का नेपाल का संविधान भाग-7: कार्यपालिका | 2015 का नेपाल का संविधान भाग-7: संघीय कार्यपालिका |
अनुच्छेद 35: कार्यकारी शक्तियाँनेपाल अधिराज्य की कार्यकारी शक्तियाँ महामहिम नरेश एवं मंत्रिपरिषद् में निहित होंगी। | अनुच्छेद 75: कार्यकारी शक्तियाँ नेपाल की कार्यकारी शक्तियाँ, संविधान और कानून के अनुसार मंत्रिपरिषद् में निहित होंगी। |
नेपाल के इन दोनों संविधानों में ‘कार्यकारी शक्ति’ के उपयोग में क्या फ़र्क दिखाई देता है? इस बात को ध्यान में रखते हुए क्या आपको लगता है कि नेपाल को एक नए संविधान की जरूरत है? क्यों?
उत्तर: 1990 के नेपाल के संविधान में कार्यकारी शक्तियाँ राजा एवं उसके मंत्री परिषद् के पास है जबकि 2015 के संविधान में कार्यकारी शक्तियाँ मंत्रीपरिषद् के हाथ में है। 2015 के संविधान के अनुसार कार्यकारी शक्तियां चुनें हुए प्रतिनिधियों के पास है। इसलिए नेपाल को लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर आधारित एक नए संविधान की जरुरत है।
प्रश्न 3. अगर निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति पर कोई अंकुश न होता तो क्या होता?
उत्तर: अगर निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति पर कोई अंकुश न होता तो वे सत्ता की शक्तियों का दुरूपयोग कर सकते हैं। वे सभी योजनाएं और नीतियां अपने फायदे के लिए बनाना शुरू कर सकते हैं। वे विरोधियों को जेल में डाल देते जैसा राजतंत्र में होता है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित स्थितियों में अल्पसंख्यक कौन हैं? इन स्थितियों में अल्पसंख्यकों के विचारों का सम्मान करना क्यों महत्त्वपूर्ण है। इसका एक-एक कारण बताइए ।
(क) एक स्कूल में 30 शिक्षक हैं और उनमें से 20 पुरुष हैं।
(ख) एक शहर में 5 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं।
(ग) एक कारखाने के भोजनालय में 80 प्रतिशत कर्मचारी शाकाहारी हैं।
(घ) 50 विद्यार्थियों की कक्षा में 40 विद्यार्थी संपन्न परिवारों से हैं।
उत्तर :
(क) इस स्थिति में महिला शिक्षक अल्पसंख्यक है। हमें हमें महिला शिक्षकों के विचारों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि संविधान में सभी महिला और पुरुषों को समानता का अधिकार है।
(ख) इस स्थिति में बौद्ध धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक है। हमें उनके धर्म का सम्मान करना चाहिए क्योंकि संविधान में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है।
(ग) इस कारखाने मांसाहारी लोग अल्पसंख्यक हैं। हमें उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए क्योंकि संविधान के सभी को अपने भोजन के चुनाव का अधिकार है।
(घ) कक्षा में गरीब परिवारों के छात्र अल्पसंख्यक हैं। हमें गरीब छात्रों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए क्योंकि संविधान में सभी को बराबरी का अधिकार है।
5. नीचे दिए गए बाएँ कॉलम में भारतीय संविधान के मुख्य आयामों की सूची दी गई है। दूसरे कॉलम में प्रत्येक आयाम के सामने दो वाक्यों में लिखिए कि आपकी राय में यह आयाम क्यों महत्त्वपूर्ण है-
मुख्य आयाम | महत्त्व |
संघवाद | |
शक्तियों का बँटवारा | |
मौलिक अधिकार | |
संसदीय शासन पद्धति |
उत्तर:-
मुख्य आयाम | महत्त्व |
संघवाद | (i) संघवाद में एक से अधिक स्तरों की सरकारें होती है। जैसे- केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकार।(ii) संघवाद में विभिन्न स्तरों की सरकारों की शक्तियों का बँटवारा हो जाता है। |
शक्तियों का बँटवारा | (i) इसमें शासन की शक्तियों को विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका में बांट दिया जाता है।(ii) ये तीनों अंग एक दूसरे पर अंकुश लगाते हैं। इस तरह तीनों के बीच सत्ता का संतुलन बना रहता है। |
मौलिक अधिकार | (i) मौलिक अधिकार नागरिकों को सत्ता के मनमाने प्रयोग से बचाते हैं।(ii) मौलिक अधिकार जनता के अधिकारों की रक्षा करते हैं और किसी भी प्रकार के अन्याय को रोकते हैं। |
संसदीय शासन पद्धति | (i) संसदीय शासन प्रणाली में जनता सीधे अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है।(ii) इस प्रणाली में शासन पर संविधान और जनता का पूरा नियन्त्रण रहता है। |
प्रश्न 6. उन भारतीय राज्यों के नाम लिखिए जिनकी सीमाएँ निम्नलिखित पड़ोसी देशों से लगती हैं।
(क) बांग्लादेश
(ख) भूटान
(ग) नेपाल
उत्तर:
(क) बांग्लादेश:- पश्चिमी बंगाल, मेघालय, त्रिपुरा, असम।
(ख) भूटान:- पश्चिमी बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश।
(ग) नेपाल:- पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड
Ch-2: धर्मनिरपेक्षता की समझ
प्रश्न 1. अपने आस-पड़ोस में प्रचलित धार्मिक क्रियाकलापों की सूची बनाइए। आप विभिन्न प्रकार की प्रार्थनाओं, विभिन्न देवताओं की पूजा विभिन्न पवित्र स्थानों, विभिन्न प्रकार के धार्मिक संगीत और गायन आदि को देख सकते हैं। क्या इससे धार्मिक क्रियाकलापों की स्वतंत्रता का पता चलता है?
उत्तर:
मेरे आस पास हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई जैसे विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं और उनको अपने मर्जी के धर्म मानने की पूरी स्वतंत्रता हैं।
• हिन्दू धर्मः हिन्दू धर्म में लोग भगवान की पूजा करते हैं और इस धर्म में बहुत सारे भगवान होते हैं जैसे की शंकर भगवान, लक्ष्मी माता, इत्यादि।
रामायण और भगवत गीता यह पवित्र किताबों में जानी जाती हैं।
इस धर्म के पवित्र गीत को भजन कहते हैं।
• मुस्लिम धर्मः मुसलमान धर्म का पालन करने वाले लोग अल्लाह को अपना भगवान मानते हैं।
• कुरान इनकी पवित्र किताब हैं।
• यह मस्जिद में जाकर पूजा करते हैं।
सिख धर्मः सिख धर्म के लोग वाहेगुरु को अपना भगवान मानते हैं।
• यह गुरुद्वारे में जाकर पूजा करते हैं।
ईसाई धर्मः इस धर्म के लोग भगवान जिसस को अपना भगवान मानते हैं।
• बाइबल इनके धर्म की पवित्र किताब हैं।
यह चर्च जाते है पूजा करने के लिए।
प्रश्न 2. अगर किसी धर्म के लोग यह कहते हैं कि उनका धर्म नवजात शिशुओं को मारने की छूट देता है तो क्या सरकार किसी तरह का दखल देगी या नहीं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।
उत्तर:भारत सरकार ज़रूर दखल देगी और उन्हें ऐसा करने की सजा भी मिलेगी।
ऐसा करना भारत के संविधान के खिलाफ है और जो काम संविधान के खिलाफ हो सरकार के पास उसे रोकने का पूरा अधिकार है।
ऐसा करना मानव अधिकारों का भी हनन हैं।
भारत के कानून के अनुसार हर किसी को अपना जीवन जीने का पूरा अधिकार है, चाहे वो नवजात शिशु ही क्यों ना हो।
यदि किसी धर्म में ऐसा करने की छूट है तो सरकार को पूरा अधिकार है कि वो इस प्रथा को रोकने के लिए कानून बनाए।
इस कानून को ना सिर्फ उस धर्म के लोगो को बल्कि पूरी जनता को पालन करना होगा।
सरकार किसी धर्म और उसकी मान्यताओं का पालन करने से किसी को तब तक नहीं रोक सकती जब तक की उससे मानव के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो रहा हो।
क्योंकि जीवन का हक़ मौलिक अधिकार में शामिल है और सबसे ज़रूरी अधिकार भी है।
इसीलिए सरकार इस पर नियम बनाकर अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा भी दे सकती हैं।
प्रश्न 3. इस तालिका को पूरा कीजिए-
उद्देश्य | यह महत्त्वपूर्ण क्यों है? | इस उद्देश्य के उल्लंघन का एक उदाहरण |
एक धार्मिक समुदाय दूसरे समुदाय पर वर्चस्व नहीं रखता | ||
राज्य न तो किसी धर्म को थोपता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनता है | ||
एक ही धर्म के कुछ लोग अपने ही धर्म के दूसरे लोगों को न दबाएँ |
उत्तर:
उद्देश्य | यह महत्त्वपूर्ण क्यों है? | इस उद्देश्य के उल्लंघन का एक उदाहरण |
एक धार्मिक समुदाय दूसरे समुदाय पर वर्चस्व नहीं रखता | इससे सभी समुदायों का समान विकास होता है। | जम्मू और कश्मीर में हिन्दू मुसलमान पर लोग अपना वर्चस्व रखते हैं। |
राज्य न तो किसी धर्म को थोपता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनता है | इससे हम अल्पसंख्यक वाले लोगो पर अत्याचार और भेदभाव रोक सकते हैं। | श्रीलंका में सिंघली लोग तामिल लोगो पर अपना वर्चस्व रखते हैं। |
एक ही धर्म के कुछ लोग अपने ही धर्म के दूसरे लोगों को न दबाएँ | इससे हमें शांति, सहनशीलता और सौहार्दपूर्ण वातावरण मिलता है। | हिन्दू धर्म में लोगो के छुआ-छात की प्रथा इसका अच्छा उदाहरण है। |
प्रश्न 4. अपने स्कूल की छुट्टियों के वार्षिक कैलेंडर को देखिए। उनमें से कितनी छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से संबंधित हैं? इससे क्या संकेत मिलता है?
उत्तर:हमारे स्कूल में कुल मिला के 30 दिन की छुट्टी मिलती है।
• जिनमे से 5 सरकारी और 25 विभिन्न धर्मों के विभिन्न त्योहारों की छुट्टी है।
• हिन्दू धर्मः दीपवाली, होली और दशहेरा।
• सीख धर्मः गुरु गोविंद जयंती, लोहरी और बैसाखी।
• ईसाई धर्मः गुड फ्राइडे और क्रिस्मस ।
• मुस्लिम धर्मः ईद उल्ल फ़ित्र, ईद उल्लं अज़हा और मुहर्रम ।
• इससे हमें यह पता चलता है भारत में हर धर्म को एक समान इज़्ज़त मिलती है और यहाँ हर नागरिक अपने पसंद के कोई भी धर्म के पालन के लिए स्वतंत्र है।
प्रश्न 5. एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोणों के कुछ उदाहरण दें?
उत्तर:
हिन्दू धर्म में बहुत से देवी देवतों की पूजा की जाती हैं और इन सभी देवी देवताओं की अपनी अलग मान्यता हैं।
• हिन्दू धर्म के लोग दो क्षेणी में विभाजित वैष्णव और शैव।
• इन दोनों क्षेणी में बहुत अंतर है इनका धर्म एक है लेकिन भगवान और मान्यताएँ अलग अलग हैं।
• कुछ चीज़े तो ऐसी भी है जिनका पालन वैष्णव धर्म में किया जाता है परंतु शैव धर्म में इसका पालन करना मन है।
प्रश्न 6. भारतीय राज्य धर्म से फ़ासला भी रखता है और उसमें हस्तक्षेप भी करता है। यह उलझाने वाला विचार लग सकता है। इस पर कक्षा में एक बार फिर चर्चा कीजिए। चर्चा के लिए इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के अलावा आप अपनी जानकारी के अन्य उदाहरणों का भी सहारा ले सकते हैं।
उत्तर:
प्रश्न 7. साथ में दिया गया यह पोस्टर ‘शांति’ के महत्त्व को रेखांकित करता है। इस पोस्टर में कहा गया है कि “शांति कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है… यह हमारी आपसी भिन्नताओं और साझा हितों को नज़रअंदाज़ करके नहीं चल सकती।” ये वाक्य क्या बताते हैं? अपने शब्दों में लिखिए। धार्मिक सहिष्णुता से इसका क्या संबंध है?
इस अध्याय में आप ही की उम्र के विद्यार्थियों ने भी धार्मिक सहिष्णुता पर तीन तस्वीरें बनाई हैं। धार्मिक सहिष्णुता को ध्यान में रखते हुए अपने साथियों को दिखाने के लिए खुद एक पोस्टर बनाइए ।
उत्तर:
Ch-3: संसद तथा कानूनों का निर्माण
प्रश्न 1: राष्ट्रवादी आन्दोलन ने इस विचार का समर्थन किया कि सभी वयस्कों को मत देने का अधिकार होना चाहिए?
उत्तर: औपनिवेशिक शासन के अनुभवों और संघर्षों से राष्ट्रवादियों को विश्वास हो गया की स्वतंत्र भारत में सभी लोग अपने जीवन को प्रभावित करने वाले फैसलों में हिस्सा लेने की क्षमता रखते हैं। राष्ट्रवादियों का मानना था कि सरकार की मनमानियां को रोकने के लिए सभी व्यस्कों को मत डालने का अधिकार प्राप्त होना चाहिए। इसलिए संविधान में सार्वभोमिक वयस्क मताधिकार के सिद्धान्त को अपनाया गया।
प्रश्न 2. बगल में 2004 के संसदीय चुनाव क्षेत्रों का नक्शा दिया गया है। इस नक्शे में अपने राज्य के चुनाव क्षेत्रों को पहचानने का प्रयास करें। आपके चुनाव क्षेत्र के सांसद का क्या नाम है ? आपके राज्य से संसद में कितने सांसद जाते हैं? कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को हरे और कुछ को नीले रंग में क्यों दिखाया गया है ?
उत्तर: हमारे चुनाव क्षेत्र के सांसद का नाम रमेश बिधूड़ी है। हमारे राज्य से संसद में सात सांसद जाते हैं। हरे रंग के निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। नीले रंग के निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
प्रश्न 3. अध्याय 1 में आपने पढ़ा था कि भारत में प्रचलित ‘संसदीय शासन व्यवस्था’ में तीन स्तर होते हैं। इनमें से एक स्तर संसद (केंद्र सरकार) तथा दूसरा स्तर विभिन्न राज्य विधायिकाओं (राज्य सरकारों) का होता है। अपने क्षेत्र के विभिन्न प्रतिनिधियों से संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित तालिका को भरें-
राज्य सरकार | केन्द्र सरकार | |
कौन सा/से राजनीतिक दल अभी सत्ता में है/हैं? | ||
आपके क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि कौन है। | ||
अभी कौन-सा रजनीतिक दाल विपक्ष में है? | ||
पिछले चुनाव कब हुए थे ? | ||
अगले चुनाव कब होंगे ? | ||
आपके राज्य से कितनी महिला प्रतिनिधि हैं ? |
उत्तर:
राज्य सरकार | केन्द्र सरकार | |
कौन सा/से राजनीतिक दल अभी सत्ता में है/हैं? | आम आदमी पार्टी | भाजपा |
आपके क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि कौन है। | श्री प्रकाश जारवाल | श्री रमेश बिधूड़ी |
अभी कौन-सा रजनीतिक दाल विपक्ष में है? | भाजपा | कांग्रेस |
पिछले चुनाव कब हुए थे ? | 2020 | 2019 |
अगले चुनाव कब होंगे ? | 2025 | 2024 |
आपके राज्य से कितनी महिला प्रतिनिधि हैं ? | 8 महिला प्रतिनिधि | 1 महिला प्रतिनिधि |
प्रश्न 4. घरेलू हिंसा पर नया कानून किस तरह बना, महिला संगठनों ने इस प्रक्रिया में अलग-अलग तरीके से क्या भूमिका निभाई, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: महिला संगठनों को औरतों के साथ घर में बुरा बर्ताव की शिकायते मिलने लगी। इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए नए कानून की मांग उठती रही। आखिरकार 2002 में संसद में इस पर एक विधेयक पेश किया गया। महिला संगठनों और राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस विधेयक में बदलाव के लिए आवाज उठाई। दिसंबर 2002 में स्थायी समिति ने अपनी सिफारिशें राज्य सभा को सौंप दी। इन सिफारिशों को लोकसभा में भी पास किया गया। स्थाई समिति ने महिला संगठनों की अधिकतर मांगों को मान लिया था। 2005 में नया विधेयक दोनों सदनों में पारित हुआ। इसके बाद बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हुए और यह कानून बन गया। घरेलू हिंसा महिला सुरक्षा कानून 2006 से लागु कर दिया।
सामाजिक विज्ञान
कक्षा 8 राजनीतिक विज्ञान
Chapter 4: न्यायपालिका
प्रश्न 1. आप पढ़ चुके हैं कि ‘कानून को कायम रखना और मौलिक अधिकारों को लागू करना’ न्यायपालिका का एक मुख्य काम होता है। आपकी राय में इस महत्त्वपूर्ण काम को करने के लिए न्यायपालिका का स्वतंत्र होना क्यों जरूरी है?
उत्तर: ‘कानून को कायम रखना और मौलिक अधिकारों को लागू करना’ न्यायपालिका का एक मुख्य काम होता है। इस महत्वपूर्ण काम को करने के लिए न्यायपालिका का स्वतंत्र होना अनिवार्य है। अगर न्यायपालिका सरकार के अधीन रहेगी तो ताकतवर नेताओं के खिलाफ फैसला नहीं कर पाएगी। स्वतंत्रता के अभाव में न्यायाधीशों को मजबूर होकर नेताओं के पक्ष में फैसले सुनाने पड़ सकते हैं। अतः न्यायपालिका स्वतंत्र होनी चाहिए ताकि वह जनता के अधिकारों की रक्षा कर सके।
प्रश्न 2. अध्याय 1 में मौलिक अधिकारों की सूची दी गई है। उसे फिर पढ़ें। आपको ऐसा क्यों लगता है कि संवैधानिक उपचार का अधिकार न्यायिक समीक्षा के विचार से जुड़ा हुआ है?
उत्तर: संवैधानिक उपचारों का अधिकार नागरिकों को राज्य द्वारा उसके किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने पर अदालत में जाने अनुमति देता है। न्यायपालिका संविधान के अंतिम व्याख्याकार होती है। यदि न्यायपालिका को लगता है कि कानून संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन करता है उसके पास संसद द्वारा पारित किसी विशेष कानून की समीक्षा करने या उसे रद्द करने की शक्ति है, जिसे न्यायिक समीक्षा कहा जाता है। इस प्रकार हम पाते हैं कि संवैधानिक उपचारों का अधिकार सीधे तौर पर न्यायिक समीक्षा के विचार से जुड़ा हुआ है।
प्रश्न 3. नीचे तीनों स्तर के न्यायालय को दर्शाया गया है। प्रत्येक के सामने लिखिए कि उस न्यायालय ने सुधा गोयल के मामले में क्या फैसला दिया था? अपने जवाब को कक्षा के अन्य विद्यार्थियों द्वारा दिए गए जवाबों के साथ मिलाकर देखें।
उत्तर:सुधा गोयल के मामले में तीनों स्तर के न्यायलय द्वारा निम्न फैसले दिए:
(i) निचली अदालत का फैसला:- लक्ष्मण, उसकी माँ शकुंतला और सुधा के जेठ सुभाष चन्द्र को दोषी करार दिया और तीनों को मौत की सजा सुनाई।
(ii) उच्च न्यायालय का फैसला:- लक्षमण. शकुन्तला और सुभाष चन्द्र तीनो को बरी कर दिया।
(iii) सर्वोच्य न्यायालय का फैसला – अदालत ने सुभाष चन्द्र को आरोपों से बरी कर दिया क्योंकि उसके खिलाफ सबूत नहीं थे और लक्ष्मण, शकुंतला को उम्रकैद की सजा सुनाई।
प्रश्न 4. सुधा गोयल मामले को ध्यान में रखते हुए नीचे दिए गए बयानों को पढ़िए। जो वक्तव्य सही हैं उन पर सही का निशान लगाइए और जो गलत हैं उनको ठीक कीजिए।
(क) आरोपी इस मामले को उच्च न्यायालय लेकर गए क्योंकि वे निचली अदालत के फ़ैसले से सहमत नहीं थे।
(ख) वे सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले के खिलाफ़ उच्च न्यायालय में चले गए।
(ग) अगर आरोपी सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो दोबारा निचली अदालत में जा सकते हैं।
उत्तर:
(क) यह बयान सही है।
(ख) यह कथन गलत है। सही कथन: वे निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में चले गए।
(ग) यह कथन गलत है। सही कथन: अगर आरोपी सर्वोच्च न्यायालय के फ़ैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो दोबारा निचली अदालत में नहीं जा सकते।
प्रश्न 5. आपको ऐसा क्यों लगता है कि 1980 के दशक में शुरू की गई जनहित याचिका की व्यवस्था सबको इंसाफ दिलाने के लिहाज से एक महत्त्वपूर्ण कदम थी?
उत्तर: निश्चित ही 1980 के दशक में शुरू की गई जनहित याचिका की व्यवस्था सबको इंसाफ दिलाने के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम थी। न्याय प्राप्त करने के लिए गरीब आदमी को न्यायालय पहुंचना काफी मुश्किल था। ऐसे में जनहित याचिका की व्यवस्था द्वारा न्यायालय तक ज्यादा से ज्यादा लोगों की पहुंच स्थापित करने का प्रयास किया।
प्रश्न 6. ओल्गा टेलिस बनाम बम्बई नगर निगम मुकदमे में दिए गए फ़ैसले के अंशों को दोबारा पढ़िए। इस फ़ैसले में कहा गया है कि आजीविका का अधिकार जीवन के अधिकार का हिस्सा है। अपने शब्दों में लिखिए कि इस बयान से जजों का क्या मतलब था ?
उत्तर: इस फ़ैसले में अदालत ने आजीविका के अधिकार को जीवन के अधिकार का हिस्सा बताया। अनुच्छेद 21 द्वारा दिए गए जीवन के अधिकार का दायरा बहुत व्यापक है। इस अधिकार का एक महत्त्वपूर्ण पहलू आजीविका का अधिकार भी है क्योंकि कोई भी व्यक्ति आजीविका के बिना जीवित नहीं रह सकता। किसी व्यक्ति को पटरी या झुग्गी बस्ती से उजाड़ देने पर उसके आजीविका के साधन फौरन नष्ट हो जाते हैं। प्रस्तुत मामले में आनुभविक साक्ष्यों से यह निष्कर्ष निकलता है कि याचिकाकर्ता को उजाड़ने से वे अपनी आजीविका से हाथ धो बैठेंगे और इस प्रकार जीवन से भी वंचित हो जाएँगे।
प्रश्न 7. ‘इंसाफ़ में देरी यानी इंसाफ़ का कत्ल’ इस विषय पर एक कहानी बनाइए ।
उत्तर: वास्तव में ‘इंसाफ़ में देरी यानी इंसाफ़ का कत्ल’ है। इस कहानी से यह स्पष्ट हो जाएगा।
रामस्वरूप एक सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। सेवानिवृति पर मिली जमापूंजी से उसने एक बिल्डर से फ्लैट खरीदा जो उसे एक साल में मिलना था। लेकिन जब बिल्डर ने तीन साल तक भी फ्लैट नहीं दिया तो उसने बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। 6 साल तक केस लड़ने के बाद जिला अदालत ने रामस्वरूप के पक्ष में फैसला सुनाया। परन्तु बिल्डर ने इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी। लंबी लंबी तारीखें पड़ने लगीं और न्यायालय का फैसला आने में 9 साल और गुजर गए। रामस्वरूप को सेवानिवृति के बाद 15 साल तक किराए के मकान में रहना पड़ा और अदालतों के चक्कर लगते रहे। जब उस 75 वर्ष की आयु में न्याय मिला तो उसने महसूस किया कि न्याय में देरी एक प्रकार से न्याय की हत्या ही है।
प्रश्न 8. अगले पन्ने पर शब्द संकलन में दिए गए प्रत्येक शब्द से वाक्य बनाइए ।
उत्तर:
(i) बरी करना:- अदालत ने पर्याप्त सबूत न होने के कारण रमेश को बरी कर दिया ।
(ii) अपील करना – प्रकाश ने निचली अदालत के फैसले से असंतुष्ट होकर उच्च न्यायालय में अपील कर दी।
(iii) मुआवज़ा:- रेलवे को रेल दुर्घटना में सभी घायलों को मुआवजा देना पड़ा।
(iv) बेदखली:- अदालत ने उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया।
(v) उल्लंघन:- नियमों का उल्लंघन करने पर कम्पनी पर जुर्माना लगा दिया।
प्रश्न 9. यह पोस्टर भोजन अधिकार अभियान द्वारा बनाया गया है। इस पोस्टर को पढ़ कर भोजन के अधिकार के बारे में सरकार के दायित्वों की सूची बनाइए ।
इस पोस्टर में कहा गया है कि “भूखे पेट भरे गोदाम ! नहीं चलेगा, नहीं चलेगा !!” इस वक्तव्य को पृष्ठ 61 पर भोजन के अधिकार के बारे में दिए गए चित्र निबंध से मिला कर देखिए।
उत्तर:
- सरकार का दायित्व है कि हर व्यक्ति तक खाद्य पदार्थों की पहूंच सुनिश्चित की जाए।
- हर जरुरतमंद को मुफ्त राशन दिया जाए।
- अकाल या अन्य प्राकृतिक आपदा के समय अनाज का वितरण किया जाए।
- सभी कुपोषित बच्चों को मिड-डे-मील का प्रबंध किया जाए।
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Chapter 5: हाशियाकरण की समझ
प्रश्न 1. ‘हाशियाकरण’ शब्द से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में दो-तीन वाक्य लिखिए।
उत्तर: हाशियाकरण का अर्थ है कि समाज में किसी को किनारे कर देना या हाशिये पर ढकेल देना। उन्हें समाज से अलग थलग कर दिया जाता है। उन्हें शिक्षा और संसाधनों तक पहुंच नहीं मिलती है।
प्रश्न 2. आदिवासी लगातार हाशिये पर क्यों खिसकते जा रहे हैं? दो कारण बताइए।
उत्तर: आदिवासियों के लगातार हाशिये पर खिसकने के कारण निम्नलिखित है:-
- विकास के नाम पर उनकी आजीविका का मुख्य स्त्रोत वनों को साफ किया जा रहा है।
- शिक्षा से वंचित होने के कारण विकास का मूलधारा से नहीं जुड़ पा रहे है।
प्रश्न 3. आप अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षाओं को क्यों महत्त्वपूर्ण मानते हैं? इसका एक कारण बताइए।
उत्तर: बहुसंख्यक समुदाय सरकार को अधिक प्रभावित करता है। ऐसी सूरत में छोटे समुदाय हाशिये पर खिसकते चले जाते हैं। इसलिए अल्पसंख्यक समुदायों को बहुसंख्यक समुदाय के सांस्कृतिक वर्चस्व से बचाने के लिए संवैधानिक सुरक्षात्मक प्रावधानों की आवश्यकता होती है ।
प्रश्न 4. अल्पसंख्यक और हाशियाकरण वाले हिस्से को दोबारा पढ़िए। अल्पसंख्यक शब्द से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: अल्पसंख्यक शब्द का अर्थ है संख्या में कम होना। अल्पसंख्यक समुदाय ऐसा समुदाय होता है जो बाकी आबादी के मुकाबले संख्या में कम हो।
प्रश्न 5. आप एक बहस में हिस्सा ले रहे हैं जहाँ आपको इस बयान के समर्थन में तर्क देने हैं कि ‘मुसलमान एक हाशियाई समुदाय ‘है।’ इस अध्याय में दी गई जानकारियों के आधार पर दो तर्क पेश कीजिए।
उत्तर: मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है। इसके पक्ष में निम्नलिखित तर्क है:
- 6 से 14 साल के 25% बच्चे या तो स्कूल नहीं गए या बीच में ही छोड़ दिया।अन्य धार्मिक समुदायों की अपेक्षा मुसलमानों में साक्षरता दर सबसे कम है।
- सरकारी नौकरियों में मुस्लिम समुदाय का प्रतिशत अन्य के मुकाबले काफी कम है।
प्रश्न 6. कल्पना कीजिए कि आप टेलीविजन पर 26 जनवरी की परेड देख रहे हैं। आपकी एक दोस्त आपके नज़दीक बैठी है। वह अचानक कहती है, “इन आदिवासियों को तो देखो, कितने रंग-बिरंगे हैं। लगता है सदा नाचते ही रहते हैं।” उसकी बात सुन कर आप भारत में आदिवासियों के जीवन से संबंधित क्या बातें उसको बताएँगे? उनमें से तीन बातें लिखें।
उत्तर: मैं अपने दोस्त को आदिवासियों के जीवन से संबंधित निम्न बातें बताउंगा:-
- आदिवासियों के बीच ऊँच-नीच का फर्क बहुत कम होता है।
- यह समुदाय जाति वर्ण पर आधारित समुदायों या राजाओं के शासन में रहने वाले समुदायों से बिलकुल अलग होते हैं।
- वे अकसर अपने पुरखों, गाँव और प्राकृतिक की उपासना करते हैं। प्रकृति से जुड़ी क्जिजों में पर्वत, नदी, पशु आदि शामिल हैं।
- आदिवासियों में बहुत सारे जनजातिय धर्म होते हैं। उनके धर्म इस्लाम, हिंदुत्व, ईसाई आदि धर्मों से बिलकुल अलग हैं।
(iii) प्रश्न 7. चित्रकथा-पट्ट में आपने देखा कि हेलेन होप आदिवासियों की कहानी पर एक फिल्म बनाना चाहती है। क्या आप आदिवासियों के बारे में एक कहानी बना कर उसकी मदद कर सकते हैं?
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 8. क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आर्थिक हाशियाकरण और सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हुए हैं? क्यों?
उत्तर: हां, इस बात से सहमत हैं कि आर्थिक हाशियाकरण और सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हुए हैं। जब किसी समुदाय को सामाजिक रूप से हाशिए पर रखा जाता है तो उसका आर्थिक विकास रुक जाता है। उसे संसाधनों से वंचित कर दिया जाता है। वह समुदाय आर्थिक हाशियाकरण की तरफ चला जाता है। इसी प्रकार जब कोई समुदाय आर्थिक रूप से कमजोर है तो उसे सामाजिक रूप से बराबर हैसियत नहीं मिलती है। अतः आर्थिक और सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हुए हैं।
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Chapter 6: हाशियाकरण से निपटना
प्रश्न 1. दो ऐसे मौलिक अधिकार बताइए जिनका दलित समुदाय प्रतिष्ठापूर्ण और समतापरक व्यवहार पर जोर देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सवाल का जवाब देने के लिए पृष्ठ 14 पर दिए गए मौलिक अधिकारों को दोबारा पढ़िए ।
उत्तर: दलित समुदाय प्रतिष्ठापूर्ण और समतापरक व्यवहार के लिए मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल किया जा सकता है जो निम्न हैं:-
- समानता का अधिकार:- कानून की नजर में सभी लोग समान हैं। इसका मतलब है कि सभी लोगों को देश का कानून बराबर सुरक्षा प्रदान करेगा। इस अधिकार में यह भी कहा गया है की धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता।
- स्वतंत्रता का अधिकार:- इस अधिकार के अंतर्गत अभिव्यक्ति और भाषण की स्वतंत्रता, संगठन बनाने की स्वतंत्रता, देश में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता तथा कोई भी व्यवसाय, कारोबार करने की स्वतंत्रता शामिल है।
प्रश्न 2. रत्नम की कहानी और 1989 के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों को दोबारा पढ़िए। अब एक कारण बताइए कि रत्नम ने इसी कानून के तहत शिकायत क्यों दर्ज कराई।
उत्तर: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 के प्रावधानों के अनुसार ऊँचे वर्गों द्वारा दलित या आदिवासी समूह के साथ अमानवीय कृत्य, जमीनों पर कब्जा, महिलाओं का अपमान आदि करना गैर-कानूनी व दंडनीय अपराध है। रत्नम ने इसी कानून के तहत शिकायत दर्ज कराई क्योंकि ऊँची जाती वालों ने रत्नम और उसके परिवार को बहिष्कृत कर दिया। उसकी झोपडी में आग लगा दी। यह कानून इसी तरह के अत्याचारों के लिए बना है।
प्रश्न 3. सी. के. जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं को ऐसा क्यों लगता है कि आदिवासी भी अपने परंपरागत संसाधनों के छीने जाने के खिलाफ़ 1989 के इस कानून का इस्तेमाल कर सकते हैं? इस कानून के प्रावधानों में ऐसा क्या खास है जो उनकी मान्यता को पुष्ट करता है?
उत्तर: 1989 के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में यह प्रावधान किया गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति के नाम पर आवंटित की गई या उसके स्वामित्व वाली जमीन पर कब्जा करता है या खेती करता है या उसे अपने नाम पर स्थानांतरित करवा लेता है तो उसे सजा दी जायगी।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों ने आदिवासियों की ज़मीन पर ज़बरदस्ती कब्ज़ा कर लिया है, उन्हें इस कानून के तहत सजा दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि संवैधानिक रूप से आदिवासियों की ज़मीन को किसी गैर-आदिवासी व्यक्ति को नहीं बेचा जा सकता। जहाँ ऐसा हुआ है वहाँ संविधान की गरिमा बनाए रखने के लिए उन्हें उनकी ज़मीन वापस मिलनी चाहिए।
प्रश्न 4. इस इकाई में दी गई कविताएँ और गीत इस बात का उदाहरण हैं कि विभिन्न व्यक्ति और समुदाय अपनी सोच, अपने गुस्से और अपने दुखों को किस-किस तरह से अभिव्यक्त करते हैं। अपनी कक्षा में ये दो कार्य कीजिए-
(क) एक ऐसी कविता खोजिए जिसमें किसी सामाजिक मुद्दे की चर्चा की गई है। उसे अपने सहपाठियों के सामने पेश कीजिए। दो या अधिक कविताएँ लेकर छोटे-छोटे समूहों में बँट जाइए और उन कविताओं पर चर्चा कीजिए । देखें कि कवि ने क्या कहने का प्रयास किया है।
(ख) अपने इलाके में किसी एक हाशियाई समुदाय का पता लगाइए। मान लीजिए कि आप उस समुदाय के सदस्य हैं। अब इस समुदाय के सदस्य की हैसियत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कोई कविता या गीत लिखिए या पोस्टर आदि बनाइए ।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
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Chapter 7: जनसुविधाएं
प्रश्न 1. आपको ऐसा क्यों लगता है कि दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम हैं?
उत्तर: जलापूर्ति एक आवश्यक जनसुविधा है जो सभी लोगों को मुहैया होनी चाहिए। इस कार्य में नुकसान और फायदे को दरकिनार करना आवश्यक होता है। निजी कंपनियाँ सिर्फ मुनाफे के लिए चलती हैं। उन्हें इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि वास्तु की पहुँच आम आदमी तक है अथवा नहीं| जलापूर्ति का निजीकरण करने का मतलब है कि लोगों की जनसुविधा की उपलब्धता में अनियमितता, जिससे देश में अराजकता फ़ैल सकती है। यही कारण है कि निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम देखने को मिलते हैं।
प्रश्न 2. क्या आपको लगता है कि चेन्नई में सबको पानी की सुविधा उपलब्ध है और वे पानी का खर्च उठा सकते हैं? चर्चा करें।
उत्तर: चेन्नई में पानी की भरी कमी है। नगरपालिका की आपूर्ति से शहर की लगभग आधी जरुरत ही पूरी हो पाती है। कुछ इलाकों में नियमित रूप से पानी आता है। कुछ इलाकों में बहुत कम पानी आता है। जहां पानी का भण्डारण किया गया है उसके आस-पास के इलाकों में ज्यादा पानी आता है जबकि दूर की बस्तियों को कम पानी मिलता है।
जलापूर्ति में कमी का बोझ ज्यादातर गरीबों पर पड़ता है । जब उच्च या मध्यम वर्ग के लोगों के सामने पानी की किल्लत पैदा हो जाती है तो वह ज्यादा आसानी से इसका हल ढूंढ लेते हैं।
प्रश्न 3. किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी बेचने से स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है? क्या आपको लगता है कि स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध कर सकते हैं? क्या सरकार इस बारे में कुछ कर सकती है?
(i) किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यपारियों को पानी की बिक्री से कस्बों और गांवों में भूमिगत जल स्तर बहुत भूरी तरह गिर चुका है। स्थानीय लोग जल आभाव का सामना कर रहें हैं एवं पिने के पानी की आपूर्ति कम पड़ने लगी है। (ii) हाँ, स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध कर सकते हैं। भूमिगत जल एक प्राकृतिक संसाधन है जिसका निजी कंपनियाँ अपने स्वार्थसिद्धि के लिए अतिशय दोहन नहीं कर सकती हैं।
(iii) हाँ, सरकार जल व्यपारियों एवं वे किसान जो जल बिक्री कर रहें हैं- दोनों के खिलाफ कदम उठा सकती है। उनमे जुर्माना वसूल किया जा सकता है।
प्रश्न 4. ऐसा क्यों है कि ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही हैं?
उत्तर: ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही हैं क्योंकि –
(i) शहरों की जिंदगी तेज रफ्तार से चलती है। उनकी आमदनी अच्छी होती है।
(ii) शहरों में यातायात, बिजली, जलापूर्ति, आदि सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। ग्रामीण इलाको में ए सुविधाएँ आसानी से उपलब्ध नही होतीं ।
प्रश्न 5. क्या आपको लगता है कि हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष है? अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण दें।
उत्तर: हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष नही है। उदाहरण के लिए दिल्ली में विभिन्न जनसुविधाएँ जैसे, जल, बिजली, परिवहन सेवा, स्कूल, कोलेज आदि पर्याप्त रूप से सुलभ हैं। जबकि हम दिल्ली से कुछ किलोमीटर दूर मथुरा या अलीगढ चले जाए तो पाएँगे की यहाँ पर जनसुविधाओं का आभाव है।
प्रश्न 6. अपने इलाके की पानी, बिजली आदि कुछ जनसुविधाओं को देखें। क्या उनमें सुधार की कोई गुंजाइश है? आपकी राय में क्या किया जाना चाहिए? इस तालिका को भरें।
क्या यह उपलब्ध है? | उसमें कैसे सुधार लाया जाए? | |
पानी | ||
बिजली | ||
सड़क | ||
सार्वजनिक परिवहन |
प्रश्न 7. क्या आपके इलाके के सभी लोग उपरोक्त जनसुविधाओं का समान रूप से इस्तेमाल करते हैं? विस्तार से बताएँ।
प्रश्न 8. जनगणना के साथ-साथ कुछ जनसुविधाओं के बारे में भी आँकड़े इकट्ठा किए जाते हैं। अपने शिक्षक के साथ चर्चा करें कि जनगणना का काम कब और किस तरह किया जाता है।
उत्तर: जनगणना का कम प्रत्येक दस वर्ष बाद किया जाता है। जनगणना हेतु सरकारी अधिकारीयों, शिक्षकों को प्रत्येक घर से आँकड़े इकटठे करने हेतु नियुक्त किया जाता है। नियुक्त लोगों को एक तैयार प्रश्नावली दिया जाता है। इसे नियुक्त अदिकारी को जो जानकारी लोगों से मिलती है, उसके अनुसार भरते हैं। पुराने आँकड़े हटा दिए जाते हैं और नए आँकड़े छापे जाते है।
प्रश्न 9. हमारे देश में निजी शैक्षणिक संस्थान स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान बड़े पैमाने पर खुलते जा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी शिक्षा संस्थानों का महत्त्व कम होता जा रहा है। आपकी राय में इसका क्या असर हो सकता है? चर्चा कीजिए।
उत्तर: इसके निम्नलिखित प्रभाव हो सकते है –
(i) सरकारी संसथान का धीरे-धीरे महत्व समाप्त हो जायगा।
(ii) गरीब वर्ग उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाएँगे, क्योंकि वे निजी संस्थानों की भारी-भरकम फीस दे नहीं सकते। यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के प्रति अत्याचार होगा ।
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Chapter 8: कानून और सामाजिक न्याय
प्रश्न 1. दो मजदूरों से बात करके पता लगाएँ कि उन्हें कानून द्वारा तय किया गया न्यूनतम वेतन मिल रहा है या नहीं। इसके लिए आप निर्माण मजदूरों, खेत मजदूरों, फिक्ट्री मजदूरों या किसी दुकान पर काम करने वाले मजदूरों से बात कर सकते हैं।
निर्माण मजदूर से बात करने से यह पता चला है कि उन्हें न्यूनतम वेतन प्राप्त नही हो रहा है।
खेत मजदूर को भी न्यूनतम वेतन प्राप्त नही हो रहा है।
फैक्ट्री मजदूर और दुकान मे काम करने वाले मजदूरों को न्यूनतम वेतन प्राप्त हो रहा है।
प्रश्न 2. विदेशी कंपनियों को भारत में अपने कारखाने खोलने से क्या फायदा है?
• भारत में अन्य विकसित देशो के मुकाबले श्रम बहुत सस्ता है, अन्य देशों के मुकाबले यहाँ के मजदूरों को दिया जाने वाला वेतन बहुत कम है।
• भारत में विदेशी कंपनियां कम लागत से ज़्यादा मुनाफ़ा कमाती है।
• भारत का बाजार बहुत बड़ा है जिससे कंपनियों का बहुत फायदा होता है।
• विदेशी कंपनियों को भारत में अन्य घटको की उपलब्धता का भी फायदा होता है।
• विदेशी कंपनियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अंतर्गत भारत के सरकारी नीतियों का भी फायदा होता है।
• भारत में कारखाने खोलने से विदेशी कंपनियो को यह सारी मुनाफ़े होते है।
प्रश्न 3. क्या आपको लगता है कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सामाजिक न्याय मिला है? चर्चा करें।
• अभी तक भोपाल गैस ट्रैजेडी जे पीड़ितों को सामाजिक न्याय नही मिला है।
• उन्ही सभी मांगे आज तक पूरी नही की गई है और वे इसके लिहे संघर्ष भी कर रहे है।
• जनकी मांगे कुछ इस प्रकार है:
• पीने के लिए साफ पानी दिया जाए।
• पीड़ितों के नौकरी उपलब्ध कराई जाए।
• स्वास्थ संबंधित सुविधाएँ प्रदान की जाए।
• यूनियन कार्बाइड के चबैरमन को सज़ा दी जाए।
प्रश्न 4. जब हम कानूनों को लागू करने की बात करते हैं तो इसका क्या मतलब होता है? कानूनों को लागू करने की जिम्मेदारी किसकी है? कानूनों को लागू करना इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है?
• कानून को लागू करने का मतलब है है कि को इस्तेमाल में लाना। उस कानून का आम जनता द्वारा पालन करवाना या उस कानून
• कानून को लागू करने की पूरी ज़िम्मेदारी सरकारी की ही होती है।
• कानून को नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिए या फिर उनके विकास के लिए बनाया जाता है उसके लागू होने पर ही उसे प्रयोग में लाया जाता है इसीलिए कानून को लागू करना महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 5. कानून के जरिए बाजारों को सही ढंग से काम करने के लिए किस तरह प्रेरित किया जा सकता है? अपने जवाब के साथ दो उदाहरण दें।
• कानून के द्वारा बाजार में हो रहे लोगो के शोषण और अन्याय को रोका जा सकता हैं।
• इसीलिए कानून के ज़रिए बाजार सही ढंग से काम करते है।
• बाजार में मज़दूरों पर हो रहे शोषण को रोकने के लिए सरकार ने न्यूनतम मेहनताना कानून जारी कर दिया था।
• अक्सर निजी कंपनी के मालिक, साहूकार व ठेकेदार अपने निजी मुनाफे के लिए मज़दूरों को उनकी मेहनत के हिसाब से मेहनताना बहुत कम देते थे ताकी यह सब बचे हुए पैसे वो खुद रखले।
• ऐसे में कानून ही मजदूरों की मदत कर सकते हैं।
प्रश्न 6. मान लीजिए कि आप एक रासायनिक फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर हैं। सरकार ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह वर्तमान जगह से 100 किलोमीटर दूर किसी दूसरे स्थान पर अपना कारखाना चलाए। इससे आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा? अपनी राय पूरी कक्षा के सामने पढ़कर सुनाएँ।
• फैक्ट्री के और दूर हो जाने पर आने जाने में बहुत ज़्यादा समय व्यर्थ होगा।
• अब आपको ज़्यादा मेहनत करनी पड़ेगी
पूरी दिनचर्या बदल जाएगी।
परिवार के साथ समय बहुत कम मिलेगा।
• सुबह बहुत जल्दी उठना होगा और रात को घर आने में देर हो जाएगी।
यह सारे बदलाव आएँगे मेरे जीवन में।
प्रश्न 7. इस इकाई में आपने सरकार की विभिन्न भूमिकाओं के बारे में पढ़ा है। इनके बारे में एक अनुच्छेद लिखें।
सरकार के पास काफी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां होती हैं जिससे उन्हें बिना चुके पूरा करना होता है।
• किसी भी तरह के शोषण या अन्य मांगों को पूरा करने के लिए कानून बनाना सरकार की ज़िम्मेदारी हैं।
• कानून को कायम रखना और यह सुनिश्चित करना की कानून का पालन सभी जगह हर व्यक्ति से हो रहा है या नहीं यह भी सरकार का कर्त्तव्य है।
• निजी कंपनियों की सारी गतिविधियों पर ध्यान देना और किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन करने पर उन्हें उचित सजा देना भी सरकार का कर्त्तव्य हैं।
• संसद में बजट पेश करना भी सरकार का काम है।
• सबके अधिकारों की तथा स्वतंत्रता की रक्षा करना भी सरकार का ही दायित्व हैं।
प्रश्न 8. आपके इलाके में पर्यावरण को दूषित करने वाले स्रोत कौन से हैं? (क) हवा (ख) पानी और (ग) मिट्टी में प्रदूषण के संबंध में चर्चा करें। प्रदूषण को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं? क्या आप कोई और उपाय सुझा सकते हैं?
हमारे इलाके में प्रदूषण फैलाने वाले स्त्रोत नीचे दिए गए है:-
(क) हवाः फैक्ट्रियों की चिमनी से निकलने वाला धुंआ और गाड़ीयो से निकलने वाला धुंआ।
(ख) पानी: उद्योग और फैक्ट्रियों का पानी में फेंके जाने वाला कचरा।
(ग) मिट्टी का प्रदूषणःघरो और सड़कों के निर्माण, ढेर सारे पेड़ो की कटाई।
उपायः
ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाए जाए।
• गाड़ियों में पेट्रोल की जगह सी.एन. जी का इस्तेमाल करे।
• उद्योगों को नदियों से दूर केंद्रित किया जाए।
अन्य उपायः
• अत्यधिक घरो व फैक्ट्रियों के निर्माण को रोकना।
• नदियों में कूड़ा कचरा न स्वयं फेकना और न फेकने देना।
प्रश्न 9. पहले पर्यावरण को किस तरह देखा जाता था? क्या सोच में कोई बदलाव आया है? चर्चा करें।
• पहले पर्यावरण को ज़्यादा महत्व नहीं दिया जाता था।
• लोग पर्यावरण को हानि पहुचने वाले कारणों से अंजान थे।
• वे यह नहीं जानते थे की पर्यावरण अनमोल है वे इसे मुफ्त मानते थे और इसीलिए आवश्यकता से अधिक इस्तेमाल करते थे।
• सारे उद्योग बे फ़िक्र होकर हवा और पानी में प्रदूषण छोड़ रहे थे।
• अब लोग पर्यावरण को ज़्यादा गंभीरता से लेने लगे हैं।
• लोग उसको हानि पहुँचाने वाले कारणों से जागरूक हो गए हैं।
• सरकार प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए और पर्यावरण को बचाने के लिए कानून बना रहे है और उससे लागू कर रहे है।
प्रश्न 10 प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण इस कार्टून के जरिए क्या कहना चाह रहे हैं? इसका 2016 में बनाए गए उस कानून से क्या संबंध है जिसको पृष्ठ 105 पर आपने पढ़ा था।
• प्रसिद्ध काटूनिस्ट आर. के लक्ष्मण इस कार्टून से हमे यह बताना चाहते हैं कि भारत में आज भी बाल मजदूरी की कु रीती जारी है।
• ज़्यादातर बाल मजदूर गरीब तबके से हैं।
• आज भी कानून होने पर भी गरीब वर्ग का आमिर वर्ग द्वारा शोषण हो रहा है।
• इस कार्टून में यह साफ़ दिखाया गया है कि महिला अपना बोझ हल्का करने के लिए उस गरीब बच्चे पर सारा बोझ दाल देती है वो भी बिना किसी हिचकिचाहट के।
• यह महिला अपने बच्चे और गरीब के बच्चे में भेदभाव भी कर रही है।
• 2006 के अक्टूबर के महीने में सरकार ने 14 साल की उम्र से कम उम्र के किसी भी बच्चे को कही भी मजदूरी करने से वर्जित कर दिया और ज़बरदस्ती काम करने पर उस व्यक्ति को सजा देने का नियंम लागू किया।
• आज नियम के बाद भी आज तक खुले एक खुले उ सजा के पात्र नहीं बनते। आम लोग अपने बच्चों से मजदूरी करवाते हैं और फिर भी किसी
प्रश्न 11. आपने भोपाल गैस त्रासदी और उसके बारे में चल रहे संघर्ष के बारे में पढ़ा है। दुनिया भर के विद्यार्थी न्याय के इस संघर्ष में अपना योगदान दे रहे हैं। वे जुलूस प्रदर्शनों से लेकर जागरूकता अभियान तक चला रहे हैं। उनकी गतिविधियों के बारे में आप www.studentsforbhopal.com पर पढ़ सकते हैं। इस वेबसाइट पर बहुत सारे चित्र, पोस्टर, वृतचित्र और पीड़ितों के बयान आदि उपलब्ध हैं।
इस वेबसाइट तथा अन्य संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए अपनी कक्षा में दिखाने के लिए भोपाल गैस त्रासदी पर एक दीवार पत्रिका (वॉल पेपर) प्रदर्शनी तैयार करें। पूरे स्कूल को अपनी रचनाएँ देखने और उन पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित करें।
उत्तर: